📱 “स्मार्टफोन बना सिरदर्द” — शिक्षकों पर डिजिटल दबाव, पढ़ाई पीछे छूटी!
📱 “स्मार्टफोन बना सिरदर्द” — शिक्षकों पर डिजिटल दबाव, पढ़ाई पीछे छूटी!✍️ By सरकारी कलम प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में […]
📱 “स्मार्टफोन बना सिरदर्द” — शिक्षकों पर डिजिटल दबाव, पढ़ाई पीछे छूटी!✍️ By सरकारी कलम प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में […]
🧪 परिषदीय विद्यालयों में 29,334 विज्ञान-गणित भर्ती अटकी: सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद भी कार्रवाई ठप, अभ्यर्थी भड़के🗞️ By: सरकारी
निरीक्षण प्रतिवेदन 📝 प्रेरणा ऐप / कायाकल्प / प्रशासनिक / शैक्षिक बिंदुओं पर विवरण अनुभाग – 1 : कायाकल्प 🔧
SM की गिनती क्यों नहीं की जा रही? 🏫🔍 margin-top:0; margin-bottom:1rem;”>(एक स्पष्ट स्पष्टीकरण — उदाहरण सहित) ✨ मुख्य बात (TL;DR)
डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा की अगुवाई में टीईटी मामले पर रिव्यू पिटिशन — ✊📜 ✍️ लखनऊ, सरकारी कलम डेस्क |शिक्षक
उत्तर प्रदेश के 1.33 लाख परिषदीय विद्यालयों में अब रोजाना बच्चों की डिजिटल अटेंडेंस लगेगी। प्रेरणा पोर्टल पर फोटो अपलोड कर उपस्थिति दर्ज होगी। सीएम डैशबोर्ड से मॉनीटरिंग और जिलों की रैंकिंग नवंबर से शुरू होगी।
: 🏫 एमसीडी स्कूलों में अब सीसीटीवी और चपरासी रखेंगे शिक्षकों पर नजर, शिक्षण व्यवस्था सुधारने की बड़ी पहल :
सरकार ने एनपीएस में तीन नए पेंशन मॉडल प्रस्तावित किए हैं — व्यवस्थित निकासी योजना, महंगाई आधारित पेंशन और पेंशन क्रेडिट योजना। अब रिटायरमेंट पर तय आय और अधिक लचीलापन दोनों मिलेंगे।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि सिर्फ एक सोशल मीडिया मैसेज पोस्ट करने से बीएनएस धारा 152 का अपराध नहीं बनता। कोर्ट ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखते हुए कहा कि यह धारा तभी लागू होगी जब शब्द या पोस्ट वास्तव में देश की एकता और संप्रभुता को खतरे में डालें।
यूपी के परिषदीय स्कूलों में टोल-फ्री नंबर न लिखवाने पर प्रधानाध्यापकों को स्कूल शिक्षा महानिदेशालय ने अंतिम चेतावनी दी है। 15 अक्तूबर तक सभी स्कूलों को यह कार्य पूरा कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं।