बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी शिक्षकों का भंडाफोड़, छह बर्खास्त, पांच गिरफ्तार
प्रयागराज, 07 मार्च 2025: बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी दस्तावेजों के सहारे शिक्षक की नौकरी हथियाने का मामला उजागर हुआ है। लंबे समय से चल रही जांच के बाद बीएसए अजय कुमार ने 4 मार्च 2025 को छह फर्जी शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया। इनमें से पांच को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
12 साल बाद खुला फर्जीवाड़ा
जिले के हरिहरपुररानी, जमुनहा, और सिरसिया विकास खंडों में फर्जी शिक्षकों की तैनाती की जानकारी सामने आई थी। 12 साल तक चली जांच के बाद इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ। खंड शिक्षाधिकारियों (BEO) को मामले में एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए थे, जिसके बाद 5 मार्च को इन शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
गिरफ्तार किए गए फर्जी शिक्षक
फर्जी कागजातों के आधार पर नौकरी कर रहे इन पांच शिक्षकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया:
- आलोक गुप्ता उर्फ किशन – निवासी ईश्वरचंद नगर, थाना भोगनीपुर, जनपद कानपुर देहात
- प्रदीप कुमार – निवासी इस्माइलपुर, कानपुर नगर
- जितेंद्र सिंह – निवासी ग्राम भोगीसागर, तहसील भोगनीपुर, कानपुर देहात
- उमेश मिश्र – निवासी रामपुर तप्पा कनैला, थाना कलवारी, जनपद बस्ती
- सुशील कुमार – निवासी ग्राम परेहरापुर, जनपद कानपुर देहात
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
इन शिक्षकों ने फर्जी दस्तावेजों (शिक्षा प्रमाण पत्र, टीईटी/डीएलएड अंकपत्र) का इस्तेमाल कर बेसिक शिक्षा विभाग में नियुक्ति हासिल की थी। जांच के दौरान इनकी डिग्रियों और प्रमाणपत्रों की सत्यापन रिपोर्ट फर्जी पाई गई।
आगे क्या कार्रवाई होगी?
- छठे फर्जी शिक्षक की तलाश जारी
- इन शिक्षकों की पूरी सेवा अवधि का वेतन वसूला जाएगा
- संबंधित अधिकारियों पर भी होगी कार्रवाई
- भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए दस्तावेजों की सख्त जांच होगी
निष्कर्ष
शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़े के इन मामलों से शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े होते हैं। प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। अब देखना होगा कि शिक्षा विभाग इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाता है।
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