🌡️ भारत में 13 राज्यों में पड़ेगी असामान्य गर्मी, 68% अस्पतालों में नहीं हैं तैयारी! 🚨
नई दिल्ली, परीक्षित निर्भय। इस महीने मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि 13 राज्यों में सामान्य से अधिक तापमान और गर्म हवाएं (लू) चलने की संभावना है, जिससे हीट स्ट्रोक (लू लगने) के मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है। लेकिन 68% अस्पतालों में आपातकालीन शीतलता (इमरजेंसी कूलिंग) की व्यवस्था नहीं है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।
📌 किन राज्यों में पड़ेगी असामान्य गर्मी?
- ☀️ राजस्थान
- ☀️ गुजरात
- ☀️ मध्य प्रदेश
- ☀️ महाराष्ट्र
- ☀️ उत्तर प्रदेश
- ☀️ झारखंड
- ☀️ पश्चिम बंगाल
- ☀️ ओडिशा
- ☀️ छत्तीसगढ़
- ☀️ तेलंगाना
- ☀️ आंध्र प्रदेश
- ☀️ कर्नाटक
- ☀️ तमिलनाडु
🏥 अस्पतालों की चिंताजनक स्थिति
- 🚨 68% अस्पतालों में आपातकालीन शीतलता (इमरजेंसी कूलिंग) की व्यवस्था नहीं है।
- 🚨 26% अस्पतालों के पास प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी नहीं हैं, जो लू से प्रभावित मरीजों का इलाज कर सकें।
- 🚨 47% अस्पतालों के पास आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की कमी है।
- ✅ 99% अस्पतालों में ओआरएस घोल उपलब्ध है, जो लू के मरीजों को राहत देने में मदद करता है।
🧑⚕️ पुरुषों पर ज्यादा असर!
एनपीसीसीएचएच की रिपोर्ट के अनुसार, हीट स्ट्रोक के मामलों में पुरुषों की संख्या अधिक देखी गई है। 2074 अस्पतालों में किए गए सर्वे में 59% मरीज पुरुष और 41% मरीज महिलाएं थीं। सबसे अधिक प्रभावित राज्य गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, तेलंगाना और गोवा हैं।
⚠️ क्या हो सकते हैं हीट स्ट्रोक के लक्षण?
- 🚑 तेज बुखार और बेहोशी
- 🚑 शरीर में पानी की कमी
- 🚑 लगातार सिर दर्द
- 🚑 चक्कर आना और उल्टी
- 🚑 ज्यादा पसीना आना या बिल्कुल पसीना न आना
✅ बचाव के उपाय
- 💧 दिनभर में अधिक मात्रा में पानी पिएं।
- 🍉 फलों और जूस का सेवन करें।
- 🌞 दोपहर 12 से 3 बजे के बीच बाहर जाने से बचें।
- 🧢 हल्के और ढीले कपड़े पहनें।
- 🧴 सनस्क्रीन और टोपी का उपयोग करें।
📢 सरकार क्या कर रही है?
सरकार ने जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीसीसीएचएच) के तहत 5,069 सरकारी अस्पतालों की समीक्षा की है और राज्यों को अलर्ट करने की योजना बना रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी गर्मी से निपटने के लिए आपातकालीन कूलिंग सुविधाओं को मजबूत करने का निर्देश दिया है।
📍 निष्कर्ष
भारत में इस साल भीषण गर्मी की संभावना है और लू से बचाव के लिए हमें खुद भी सतर्क रहना होगा। अस्पतालों में सुविधाओं की कमी जरूर चिंता का विषय है, लेकिन सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों से स्थिति में सुधार की उम्मीद है।
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