दहेज हत्या मामला: पति को 10 साल, सास-ससुर को 7-7 साल की सजा

दहेज हत्या मामला: पति को 10 साल, सास-ससुर को 7-7 साल की सजा

फिरोजाबाद के बछेला बहेली गांव में हुई दहेज हत्या के मामले में अदालत ने सख्त टिप्पणी करते हुए पति को 10 साल की सजा, जबकि सास-ससुर को 7-7 साल के कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने कहा कि पति पर पत्नी की सुरक्षा की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी होती है, इसलिए वह सास-ससुर से अधिक सजा का हकदार है।

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क्या है पूरा मामला?

मृतका सोनम की शादी 14 सितंबर 2020 को रुकुम के साथ हुई थी। लेकिन शादी के सिर्फ नौ महीने बाद, 14 जून 2021 को सोनम की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।

  • पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण फांसी (हैंगिंग) बताया गया।
  • परिजनों का आरोप था कि ससुराल वाले दहेज के लिए प्रताड़ित कर रहे थे और सोनम से बाइक और सोने की जंजीर मायके से लाने की मांग कर रहे थे।
  • पति रुकुम ने लोन चुकाने के लिए सोनम के जेवर तक गिरवी रख दिए थे।

मजदूर बाबा ने पोती को दिलाया न्याय

सोनम के पिता की मौत शादी से पहले ही हो चुकी थी। ऐसे में उसके बाबा रामवीर सिंह ने मजदूरी करके पोती की शादी कराई थी

  • दहेज हत्या का मामला दर्ज कराने के बाद समाज और रिश्तेदारों ने उन पर केस वापसी का दबाव बनाया
  • लेकिन रामवीर सिंह ने हार नहीं मानी और हर सुनवाई में अदालत में मौजूद रहे
  • ट्रायल कोर्ट ने पति रुकुम, ससुर तुलाराम और सास कमला देवी को दोषी करार दिया।

अदालत का फैसला

अदालत ने पति को 10 साल, सास-ससुर को 7-7 साल की सजा सुनाई।

  • सभी दोषियों पर 13-13 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
  • जुर्माना न देने पर एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

कोर्ट की कड़ी टिप्पणी

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि—

  • पति का दायित्व सबसे बड़ा होता है क्योंकि वह अपनी पत्नी की सुरक्षा और देखभाल के लिए सबसे पहले जिम्मेदार है।
  • ससुराल वालों की प्रताड़ना के कारण महिला की जान गई, जो बेहद गंभीर अपराध है।

यह फैसला दहेज प्रथा के खिलाफ एक मजबूत संदेश है कि कानून महिलाओं की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने के लिए सख्त कार्रवाई करेगा

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