वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों को मिलेगा नियमित वेतन और बीमा लाभ, सरकार ने जारी किए निर्देश
उत्तर प्रदेश के वित्तविहीन मान्यता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को नियमित वेतन, भविष्य निधि (PF) और जीवन बीमा जैसी सुविधाएं नहीं मिल रही थीं। इस समस्या को देखते हुए प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने माध्यमिक शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध किया था।
पर्यटन मंत्री के पत्र पर शिक्षा विभाग का निर्देश
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने अपर मुख्य सचिव, माध्यमिक शिक्षा विभाग को पत्र भेजकर मांग की कि—
- शिक्षकों का मानदेय पूरे शैक्षिक सत्र के लिए नियमित रूप से दिया जाए।
- मानदेय की राशि कुशल श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी से कम न हो।
- भविष्य निधि (PF) और जीवन बीमा जैसी योजनाओं का लाभ शिक्षकों को मिले।
- वेतन का भुगतान शिक्षकों के बैंक खाते में या चेक द्वारा किया जाए।
इस पत्र के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों को निर्देश जारी कर दिया कि इस व्यवस्था का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
शिक्षक संघ ने उठाए सवाल, कहा— आदेशों का पालन नहीं हो रहा
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी ने सरकार के आदेशों पर सवाल उठाते हुए कहा कि—
- 95% वित्तविहीन विद्यालयों में शिक्षकों को वेतन नकद दिया जा रहा है, वह भी अधूरा।
- किसी भी विद्यालय में भविष्य निधि (PF) और जीवन बीमा की सुविधा नहीं दी जा रही है।
- शासनादेश जारी होने के बावजूद इसका पालन नहीं हो रहा, इसलिए सख्ती से इसे लागू कराया जाए।
क्या होगा अगला कदम?
शिक्षकों की वेतन और सामाजिक सुरक्षा की मांग लंबे समय से चली आ रही है। हालांकि सरकार ने निर्देश जारी कर दिए हैं, लेकिन शिक्षक संघ की शिकायतें दिखाती हैं कि जमीनी स्तर पर इन आदेशों का पालन नहीं हो रहा। ऐसे में अब यह देखना होगा कि शासन इसे लागू करने के लिए कौन से नए कदम उठाएगा और शिक्षकों को उनका हक कब तक मिलेगा।