सीबीएसई ने स्कूलों को शाखा खोलने की अनुमति दी, अब एक ही नाम और संबद्धता संख्या से संचालित होंगे विद्यालय
मुख्य विद्यालय में छठी से बारहवीं तक की कक्षाएं, शाखा विद्यालय में प्री-प्राइमरी से पांचवीं तक की पढ़ाई
नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने अपने संबद्धता मानदंडों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। नए नियमों के तहत, अब स्कूल एक ही नाम और संबद्धता संख्या के तहत नई शाखाएं खोल सकते हैं। यह निर्णय देशभर में स्कूलों की शैक्षणिक व्यवस्था को अधिक व्यवस्थित और सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।
मुख्य और शाखा विद्यालय की संरचना
सीबीएसई अधिकारियों के अनुसार, मुख्य विद्यालय में कक्षा 6 से 12 तक की पढ़ाई होगी, जबकि शाखा विद्यालय में केवल प्री-प्राइमरी से कक्षा 5 तक की कक्षाएं संचालित की जाएंगी।
👉 यदि कोई छात्र शाखा विद्यालय से मुख्य विद्यालय में प्रवेश लेना चाहता है, तो यह प्रक्रिया निर्बाध होगी। इसे नया प्रवेश नहीं माना जाएगा, बल्कि स्वाभाविक पदोन्नति प्रक्रिया का हिस्सा माना जाएगा।
प्रबंधन और प्रशासनिक व्यवस्था
सीबीएसई के सचिव हिमांशु गुप्ता ने बताया कि:
✅ मुख्य और शाखा विद्यालय दोनों का प्रबंधन एवं स्वामित्व एक ही संस्था के पास होगा।
✅ शिक्षण और प्रशासनिक प्रक्रिया एक समान होगी।
✅ दोनों विद्यालयों के लिए एक सामान्य वेबसाइट होगी, जिसमें शाखा विद्यालय के लिए एक अलग अनुभाग होगा।
✅ प्रवेश प्रक्रिया का प्रबंधन मुख्य विद्यालय करेगा और खातों का रखरखाव भी मुख्य विद्यालय की जिम्मेदारी होगी।
✅ मुख्य विद्यालय को शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की अलग-अलग नियुक्ति करनी होगी तथा उनके वेतन भुगतान की भी जिम्मेदारी लेनी होगी।
सीबीएसई ने क्यों लिया यह निर्णय?
अब तक, सीबीएसई किसी भी स्कूल को शाखा विद्यालय स्थापित करने की अनुमति नहीं देता था। प्रत्येक विद्यालय को अलग-अलग संबद्धता संख्या लेनी पड़ती थी। लेकिन अब नए नियमों के तहत यह बाध्यता समाप्त हो गई है, जिससे:
✔️ स्कूलों को अपनी शिक्षा व्यवस्था को अधिक सुगठित करने में मदद मिलेगी।
✔️ छात्रों और अभिभावकों के लिए स्कूल ट्रांसफर प्रक्रिया आसान होगी।
✔️ एक ही संस्थान के तहत विद्यालयों का बेहतर प्रबंधन संभव होगा।
निष्कर्ष
सीबीएसई का यह निर्णय शिक्षा व्यवस्था को अधिक प्रभावी और संगठित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे स्कूलों को सुव्यवस्थित तरीके से अपनी शाखाएं खोलने की सुविधा मिलेगी और छात्रों के लिए प्रवेश प्रक्रिया अधिक सरल और पारदर्शी होगी।
👉 अब एक ही नाम और संबद्धता संख्या के साथ स्कूल खोलना संभव होगा, जिससे शिक्षा जगत में एक नया बदलाव देखने को मिलेगा!