शिक्षामित्रों के मुद्दे पर विधानसभा में हंगामा, मानदेय बढ़ाने पर सरकार का इनकार

📝 शिक्षामित्रों के मुद्दे पर विधानसभा में हंगामा, मानदेय बढ़ाने पर सरकार का इनकार

📅 तिथि: [26/02/2025]
लेखक: [sarkari kalam]


📌 शिक्षामित्रों के मानदेय पर सत्ता-विपक्ष में तीखी नोकझोंक

विधानसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान शिक्षामित्रों के मानदेय को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच तीखी बहस हुई। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने स्पष्ट किया कि 2017 से पहले शिक्षामित्रों का मानदेय ₹3,500 था, जिसे भाजपा सरकार ने बढ़ाकर ₹10,000 कर दिया। फिलहाल मानदेय बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।


🔥 सपा विधायक ने सरकार पर साधा निशाना

👉 सपा विधायक राकेश कुमार वर्मा ने महंगाई का हवाला देते हुए शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने और उन्हें नियमित करने की मांग उठाई।
👉 उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि “मंत्री के कुत्ते को टहलाने वाले व्यक्ति का मानदेय भी शिक्षामित्रों से ज्यादा है।”

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💥 इस बयान से सत्ता पक्ष के विधायकों ने कड़ी आपत्ति जताई।


⚡ सत्ता पक्ष का पलटवार, हंगामा और विधानसभा अध्यक्ष का दखल

➡️ एक विधायक ने सपा सदस्य पर शिक्षामित्रों की तुलना कुत्ते से करने का आरोप लगाया, जिससे सदन में हंगामा हो गया।
➡️ सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस होने लगी।
➡️ विधानसभा अध्यक्ष को हस्तक्षेप कर दोनों पक्षों को शांत कराना पड़ा।

बाद में मंत्री संदीप सिंह ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि सरकार ने शिक्षामित्रों के हित में पहले ही कदम उठाए हैं और फिलहाल मानदेय बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।


📖 स्कूलों में अंग्रेजी शिक्षा पर भी गरमाई बहस

👉 सपा विधायक समरपाल सिंह ने पूछा कि सरकारी स्कूलों में सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड की तरह अंग्रेजी पढ़ाने की क्या योजना है?
👉 बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री ने जवाब दिया कि सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी एक विषय के रूप में पहले से पढ़ाई जाती है।
👉 सत्ता पक्ष के विधायकों ने चुटकी लेते हुए कहा कि “एक तरफ सपा के लोग अंग्रेजी का विरोध करते हैं और दूसरी तरफ अंग्रेजी पढ़ाने के लिए बेचैन हैं।”

📌 इस मुद्दे पर भी सत्ता और विपक्ष के बीच तकरार देखने को मिली।


🎯 निष्कर्ष

शिक्षामित्रों के मानदेय को लेकर सरकार फिलहाल कोई बदलाव करने के मूड में नहीं है।
विधानसभा में सत्ता और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली।
अंग्रेजी शिक्षा को लेकर भी बहस छिड़ी, लेकिन सरकार का रुख स्पष्ट है कि सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी एक विषय के रूप में पढ़ाई जाती रहेगी।

💬 आपकी क्या राय है? शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाया जाना चाहिए या नहीं? कमेंट में बताएं! ⬇️


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