प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में अब कॉलेज स्तर पर होगी संविदा शिक्षकों की भर्ती 🏥
प्रदेश सरकार ने नर्सिंग कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को सरल बनाते हुए इसे कॉलेज स्तर पर कराने का फैसला लिया है। अब प्रत्येक मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे अपने नर्सिंग कॉलेज में शिक्षकों की भर्ती करें।
👉 शासनादेश जारी, भर्ती प्रक्रिया जल्द होगी शुरू
शासन ने चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशक को शिक्षकों के रिक्त पदों को जल्द भरने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत महानिदेशक ने सभी कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को शासनादेश भेज दिया है।
📌 प्रदेश में कितने नर्सिंग कॉलेज?
प्रदेश में 23 नर्सिंग कॉलेज संचालित किए जा रहे हैं। इन कॉलेजों में संविदा पर प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य, प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर एवं ट्यूटर की नियुक्ति होती रही है, लेकिन अब तक यह प्रक्रिया राज्य स्तर पर होती थी।
🛑 50% पद खाली, नए मानकों के अनुसार बढ़ेगी भर्ती
राज्य के नर्सिंग कॉलेजों में अभी भी करीब 50% पद खाली हैं। नर्सिंग कॉलेज में 40 से 60 छात्रों के दाखिले पर एक प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य, प्रोफेसर, दो एसोसिएट प्रोफेसर, तीन असिस्टेंट प्रोफेसर और 8 से 16 ट्यूटर की आवश्यकता होती है।
पिछले सत्र 2022-23 में संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी, लेकिन कई शिक्षकों ने इस्तीफा दे दिया। शेष को एक साल का सेवा विस्तार दिया गया है, और 121 नए अध्यापकों की भर्ती भी की गई। फिर भी कॉलेजों में शिक्षकों की भारी कमी बनी हुई है।
💰 संविदा शिक्षकों का मानदेय
- प्रधानाचार्य – ₹1.40 लाख प्रतिमाह
- उप प्रधानाचार्य – ₹1.20 लाख प्रतिमाह
- प्रोफेसर – ₹1 लाख प्रतिमाह
- एसोसिएट प्रोफेसर – ₹80 हजार प्रतिमाह
- असिस्टेंट प्रोफेसर – ₹70 हजार प्रतिमाह
- ट्यूटर – ₹45 हजार प्रतिमाह
✅ नई नियुक्ति प्रक्रिया: अब कॉलेज स्तर पर होगी भर्ती
अब संविदा पर शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रक्रिया को आसान कर दिया गया है। नए शासनादेश के अनुसार:
- प्रत्येक मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को चयन समिति गठित करने की जिम्मेदारी दी गई है।
- यह समिति साक्षात्कार के आधार पर योग्य उम्मीदवारों का चयन करेगी।
- चयन प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाए जाने पर कॉलेज एवं संस्थान के निदेशक को उत्तरदायी ठहराया जाएगा।
📢 जुलाई से बढ़ेगी छात्रों की संख्या
प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में अभी प्रति कॉलेज 180 छात्रों का दाखिला हो रहा है, जो जुलाई से बढ़कर 240 हो जाएगा। ऐसे में शिक्षकों की भारी आवश्यकता होगी, जिससे इस भर्ती प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने की जरूरत है।
🎯 निष्कर्ष
नए शासनादेश के तहत नर्सिंग कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया को तेज करने का फैसला लिया गया है। यह बदलाव छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने और शिक्षकों की संख्या में सुधार लाने में मदद करेगा।
अगर आप भी नर्सिंग क्षेत्र में संविदा शिक्षक के रूप में नौकरी की तलाश कर रहे हैं, तो यह एक बेहतरीन अवसर हो सकता है। 🏥📚