एडेड विद्यालयों के शिक्षकों के प्रमोशन का रास्ता साफ 🚀
उत्तर प्रदेश के एडेड माध्यमिक विद्यालयों के लगभग चार हजार शिक्षकों के प्रमोशन का रास्ता अब पूरी तरह साफ हो गया है। यह फैसला शिक्षकों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है।
पुरानी व्यवस्था बहाल, शिक्षकों को मिलेगा प्रमोशन ✨
विधान परिषद के सभापति ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 1982 की धारा-21 के तहत एडेड विद्यालयों और महाविद्यालयों के शिक्षकों की सेवा शर्तों को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के अधीन करने के आदेश जारी किए हैं। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (ठकुराई गुट) ने इस निर्णय का स्वागत किया है।
विद्यालय प्रबंधन की मनमानी पर लगेगी रोक 🚫
संघ के प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी ने बताया कि इस फैसले के दो बड़े फायदे होंगे:
- अब विद्यालय प्रबंधन शिक्षकों को निलंबित या बर्खास्त नहीं कर सकेगा। यह निर्णय शिक्षा सेवा चयन आयोग द्वारा लिया जाएगा।
- प्रधानाचार्य पद खाली होने पर वरिष्ठ शिक्षकों को एडहॉक आधार पर जिम्मेदारी मिलेगी और उन्हें निर्धारित वेतन भी प्राप्त होगा।
पुरानी व्यवस्था बहाल होने से शिक्षकों को राहत 😊
पहले प्रधानाचार्य पद पर सीधे भर्ती होती थी, और यह पद प्रमोशन से नहीं भरा जाता था। लेकिन पूर्व में जब प्रधानाचार्य रिटायर होते थे, तो वरिष्ठ शिक्षक को एडहॉक रूप में यह जिम्मेदारी दी जाती थी और उन्हें वेतन भी मिलता था। बीच में यह व्यवस्था समाप्त कर दी गई थी, जिससे शिक्षकों को नुकसान हुआ था।
अब फिर से पुरानी व्यवस्था लागू होने से शिक्षकों को राहत मिलेगी और उनका आर्थिक नुकसान भी नहीं होगा।
मौलाना अबुल कलाम आजाद को किया गया याद 🏆
प्रयागराज में कांग्रेस ने देश के पहले शिक्षामंत्री भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आजाद की पुण्यतिथि पर कार्यक्रम आयोजित किया। पूर्व प्रवक्ता किशोर वार्ष्णेय ने उनके संघर्षों और राष्ट्र निर्माण में योगदान की चर्चा की। इस मौके पर फुजैल हाशमी, हरिकेश त्रिपाठी, खुशनवेदा फारूखी, ओमप्रकाश त्रिपाठी सहित कई लोग मौजूद रहे।
निष्कर्ष 🎯
इस फैसले से उत्तर प्रदेश के हजारों एडेड माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को प्रमोशन मिलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। शिक्षा सेवा चयन आयोग के अधीन आने से शिक्षकों की नौकरी की सुरक्षा और भविष्य अधिक मजबूत हो जाएगा।
क्या आप इस फैसले से संतुष्ट हैं? अपनी राय कमेंट में बताएं! 📝