📢 यूपी बोर्ड परीक्षा: मेडिकल के बहाने ड्यूटी से नहीं बच पाएंगे कक्ष निरीक्षक
**उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद** ने परीक्षा में **कक्ष निरीक्षकों और केंद्र व्यवस्थापकों** के **अनुपस्थित रहने पर नई सख्ती** लागू की है। अब **केवल सरकारी अस्पताल के डॉक्टर का मेडिकल प्रमाणपत्र ही मान्य** होगा। प्राइवेट अस्पताल या निजी डॉक्टरों का प्रमाणपत्र स्वीकार नहीं किया जाएगा।
🚨 मेडिकल अवकाश के लिए सीएमओ की मंजूरी अनिवार्य
अब कक्ष निरीक्षकों और केंद्र व्यवस्थापकों को **डीआईओएस (जिला विद्यालय निरीक्षक)** से **अवकाश मंजूर करवाने से पहले** **मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ)** की संस्तुति लेना अनिवार्य होगा। इससे **फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट** के जरिए परीक्षा से बचने की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी।
📍 लखनऊ में 126 परीक्षा केंद्र, लाखों छात्र होंगे शामिल
**लखनऊ जिले में कुल 126 परीक्षा केंद्र** बनाए गए हैं, जहां **लाखों छात्र परीक्षा देंगे**। इन केंद्रों पर **10,000 से अधिक कक्ष निरीक्षक, केंद्र व्यवस्थापक और स्टेटिक मजिस्ट्रेट** तैनात किए गए हैं।
📜 माध्यमिक शिक्षा परिषद की गाइडलाइन
- ✅ **केवल सरकारी अस्पताल के डॉक्टर का मेडिकल सर्टिफिकेट मान्य होगा।**
- ✅ **सीएमओ की संस्तुति के बिना डीआईओएस अवकाश मंजूर नहीं करेंगे।**
- ✅ **प्राइवेट डॉक्टरों द्वारा जारी मेडिकल प्रमाणपत्र स्वीकार नहीं किया जाएगा।**
- ✅ **बिना अनुमति परीक्षा से गैरहाजिर होने पर सख्त कार्रवाई होगी।**
🔍 निष्कर्ष
इस बार यूपी बोर्ड परीक्षा में **कक्ष निरीक्षक और केंद्र व्यवस्थापक मेडिकल के बहाने ड्यूटी से गायब नहीं हो पाएंगे**। सरकार की इस नई सख्ती से **परीक्षा में अनुशासन बना रहेगा** और **शिक्षण कार्य में पारदर्शिता** आएगी।
📢 क्या आप यूपी बोर्ड परीक्षा की इस नई नीति से सहमत हैं? अपनी राय कमेंट में बताएं! ✍️