राजकीय कॉलेजों में प्रवक्ताओं की संबद्धता समाप्त, लौटेंगे मूल तैनाती वाले स्थानों पर
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के विभिन्न राजकीय महाविद्यालयों में संबद्ध किए गए प्रवक्ताओं को अब अपने मूल तैनाती वाले राजकीय महाविद्यालयों में लौटना होगा। उच्च शिक्षा निदेशालय ने प्रवक्ताओं की संबद्धता समाप्त करने का निर्णय ले लिया है।
क्यों की गई संबद्धता समाप्त?
विभिन्न कारणों से कुछ प्रवक्ताओं को अन्य महाविद्यालयों में संबद्ध किया गया था। इनमें बीमारी, पारिवारिक समस्याएं और अन्य व्यक्तिगत कारण शामिल थे। प्रवक्ताओं ने अपने आवेदनों में इन कारणों का उल्लेख करते हुए स्थानांतरण की मांग की थी, जिसे विचार करने के बाद स्वीकृति दी गई थी।
शासन के निर्णय का प्रभाव
अब उच्च शिक्षा निदेशालय ने यह साफ कर दिया है कि सभी प्रवक्ता अपनी मूल तैनाती वाले कॉलेजों में वापस जाएंगे। इस प्रक्रिया में कोई यात्रा भत्ता प्रदान नहीं किया जाएगा।
शासन के पास पहुंची शिकायतें
शासन को शिकायतें मिली थीं कि कुछ प्रवक्ता बिना उचित कारण के अपने मूल स्थान से अनुपस्थित रहते हुए दूसरे कॉलेजों में संबद्धता प्राप्त कर चुके थे। इस कारण उच्च अधिकारियों के निर्देश पर सभी संबद्धताओं को समाप्त कर दिया गया है।
क्या फिर से संबद्धता संभव है?
यदि कोई प्रवक्ता वास्तव में उचित कारण प्रस्तुत करता है, तो उसकी संबद्धता पर पुनर्विचार किया जा सकता है। हालांकि, यह निर्णय उच्च अधिकारियों के विचाराधीन होगा।