**बेसिक शिक्षा अधिकारी जालौन पद पर रहने के योग्य नहीं : हाईकोर्ट**
प्रयागराज। हाईकोर्ट ने **बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए), जालौन द्वारा अनुकंपा नियुक्ति खारिज करने के मामले में कड़ी टिप्पणी की है**। न्यायालय ने कहा कि प्रथम दृष्टया **बीएसए अपने पद पर रहने के योग्य नहीं हैं** और उन्हें **27 फरवरी 2025 को अदालत में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देना होगा**।
**कोर्ट का सख्त रुख, अवमानना कार्रवाई की चेतावनी**
**न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया** की पीठ ने आदेश देते हुए कहा कि **बीएसए के खिलाफ अवमानना कार्रवाई क्यों न की जाए**। साथ ही, राज्य सरकार को **विभागीय कार्रवाई के लिए निर्देश भेजने** को कहा गया है। यह मामला **आस्था मिश्रा की याचिका** पर सुनवाई के दौरान सामने आया।
**क्या है पूरा मामला?**
**जालौन निवासी याची आस्था मिश्रा के माता-पिता सरकारी सेवा में थे**। उनके पिता **2019 में सेवानिवृत्त** हो गए, जबकि **2021 में उनकी मां, जो एक प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक थीं, का निधन हो गया**।
इसके बाद याची ने **अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया**, जिसे बीएसए ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि **याची के माता-पिता दोनों सरकारी सेवा में थे**। इस निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।
**बीएसए का तर्क और कोर्ट की आपत्ति**
हाईकोर्ट के सवालों के जवाब में **बीएसए ने हलफनामा दाखिल कर कहा कि याची के पास बीएड की डिग्री है**, और **सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, बीएड डिग्री धारक को सहायक अध्यापक नहीं बनाया जा सकता**।
याची के अधिवक्ता ने दलील दी कि **यह मामला 2021 का है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट का नया फैसला इस पर लागू नहीं होगा**। साथ ही, **बीएसए ने बार-बार अलग-अलग आधार पर नियुक्ति देने से इनकार किया है**।
**क्या होगा अगला कदम?**
कोर्ट ने बीएसए को **27 फरवरी 2025 को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने और स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है**। इसके अलावा, राज्य सरकार से **विभागीय कार्रवाई शुरू करने के लिए कहा गया है**।