एआरपी पद पर चयन में अनियमितता, उच्च स्तरीय जाँच की मांग

बेसिक शिक्षा विभाग अलीगढ़: एआरपी चयन में गड़बड़ी की जाँच की मांग

अलीगढ़: विकास खंड टप्पल में बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत समग्र शिक्षा के एआरपी (एकेडमिक रिसोर्स पर्सन) पद पर हुए चयन में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। शिकायतकर्ता सचिन अग्रवाल ने इस संदर्भ में जिलाधिकारी अलीगढ़ को पत्र भेजकर निष्पक्ष जाँच की मांग की है।

👉 एआरपी पद पर चयन में अनियमितता का आरोप

शिकायत के अनुसार, श्रीमती पूनम, जो वर्तमान में विकास खंड टप्पल में एआरपी (अंग्रेजी) के रूप में कार्यरत हैं, उन्होंने अपने शैक्षणिक योग्यता से संबंधित तथ्यों को छुपाकर इस पद पर चयन प्राप्त किया।

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आरोपों के अनुसार:

  • श्रीमती पूनम की नियुक्ति सहायक अध्यापक (विज्ञान वर्ग) के रूप में 01 दिसंबर 2005 को हुई थी।
  • उन्होंने 1998 में बीएससी (जीव विज्ञान) अंद्र विश्वविद्यालय से पूरी की।
  • इसके बावजूद, उन्होंने गलत तरीके से मानव संपदा पोर्टल पर अंग्रेजी विषय की मैपिंग करवा ली।
  • इस प्रक्रिया में खंड शिक्षा अधिकारी जितेंद्र सिंह और ब्लॉक संसाधन केंद्र टप्पल के लिपिक बसंत की मिलीभगत का आरोप लगाया गया है।

⚠️ शिक्षकों के स्थानांतरण में अनियमितता

बेसिक शिक्षा परिषद के नियमों के अनुसार, प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक के कैडर एक समान होते हैं। इस कारण स्थानांतरण विषय-आधारित किया जा सकता है।

विकास खंड टप्पल में अधिकांश उच्च प्राथमिक विद्यालयों में दो-दो विज्ञान/गणित शिक्षक पहले से तैनात हैं, फिर भी अंग्रेजी विषय के एआरपी के लिए विज्ञान शिक्षक का चयन किया जाना नियमों के खिलाफ है।

📢 शिकायतकर्ता की मांग

शिकायतकर्ता सचिन अग्रवाल ने इस मामले की उच्च स्तरीय जाँच कराए जाने की अपील की है। उन्होंने जिलाधिकारी से अनुरोध किया कि:

  • श्रीमती पूनम को एआरपी पद से हटाया जाए और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
  • इसमें संलिप्त अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाए।
  • समग्र शिक्षा के अंतर्गत सभी नियुक्तियों की पारदर्शी जाँच हो।

📌 निष्कर्ष

बेसिक शिक्षा विभाग में एआरपी चयन प्रक्रिया को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। इस प्रकार की गड़बड़ियों से न केवल शिक्षा प्रणाली प्रभावित होती है, बल्कि योग्य उम्मीदवारों के अधिकार भी छीने जाते हैं। जिलाधिकारी अलीगढ़ से इस मामले में सख्त कदम उठाने और जाँच करवाने की मांग की गई है।

💡 आपकी राय

क्या शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए और कड़े नियम बनने चाहिए? अपनी राय कमेंट बॉक्स में साझा करें।

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