सर्वे में खुलासा: लखनऊ में सबसे ज्यादा भिखारी बहराइच के
लखनऊ। एक हालिया सर्वे में पता चला है कि राजधानी में सबसे अधिक भिखारी बहराइच जिले से आते हैं। इसके अलावा, लखीमपुर खीरी, बाराबंकी, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली और लखनऊ के भी लोग भिक्षावृत्ति में लिप्त पाए गए हैं।
लखनऊ में भीख मांगने वालों की संख्या
डीपीओ, डूडा और निजी संस्था के सहयोग से किए गए सर्वे में पाया गया कि:
- 9228 भिखारी लखनऊ में सक्रिय हैं।
- 4800 भिखारी अकेले बहराइच जिले से हैं।
- 1500 भिखारी लखीमपुर खीरी के हैं।
लखनऊ के केवल दो गांवों के लोग भीख मांग रहे
सर्वे में खुलासा हुआ कि लखनऊ के केवल नगराम और भजा खेड़ा गांव के लोग ही भीख मांगने में लिप्त हैं। इसके अलावा, अन्य किसी गांव के लोग इसमें शामिल नहीं पाए गए।
बच्चों को स्कूल में दाखिला फिर भी नहीं जा रहे पढ़ने
प्रशासन ने 256 भिखारी बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में कराया था। उन्हें बाल सेवा योजना से जोड़ा गया और खातों में धनराशि भेजी गई। लेकिन पड़ताल में पता चला कि ये बच्चे नियमित रूप से स्कूल नहीं जा रहे हैं और अब भी चौराहों पर भीख मांग रहे हैं।
प्रशासन की 200 से अधिक बैठकें, फिर भी समस्या बनी
तीन वर्षों में भिखारियों के पुनर्वास को लेकर 200 से अधिक बैठकें हो चुकी हैं। कमिश्नर डॉ. रोशन जैकब हर दो महीने पर मीटिंग कर रही हैं। इसके अलावा, डीएम, नगर आयुक्त, महापौर और अन्य अधिकारी भी बैठकें कर चुके हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।
निष्कर्ष
लखनऊ में भिक्षावृत्ति एक गंभीर समस्या बनी हुई है। प्रशासन ने कई प्रयास किए, लेकिन सबसे अधिक भिखारी बहराइच से आकर राजधानी में बसे हुए हैं। बच्चों के पुनर्वास के लिए कदम उठाए गए, लेकिन वे स्कूल नहीं जा रहे हैं। यह एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, जिसे दूर करने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।