प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों को परीक्षा तनाव से बचने के गुर सिखाए
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में छात्रों को तनावमुक्त रहने, समय प्रबंधन और विफलताओं से न डरने के महत्वपूर्ण मंत्र दिए। उन्होंने अभिभावकों से भी अपील की कि वे अपने बच्चों की तुलना दूसरों से न करें और उनकी प्रतिभा को पहचानें।
परीक्षा नहीं, पढ़ाई पर ध्यान दें
मोदी ने कहा कि परीक्षा को अंतिम लक्ष्य न समझें क्योंकि विफलताएं भी जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं। उन्होंने सचिन तेंदुलकर का उदाहरण देते हुए बताया कि उनके माता-पिता ने हमेशा उनका समर्थन किया।
छात्रों को दिए ये महत्वपूर्ण सुझाव
- तकनीक का सही उपयोग करें: बेवजह स्क्रीन पर समय बर्बाद करने से बचें।
- सफलता का सही मायने समझें: केवल किताबों में सफल होने से ज्यादा जीवन में सफलता जरूरी है।
- स्वस्थ खानपान अपनाएं: सीजनल फल और मोटा अनाज अपने आहार में शामिल करें।
- ध्यान और प्राणायाम करें: मन को शांत रखने और फोकस बढ़ाने के लिए ध्यान और योग करें।
फेल होने का डर क्यों बेकार है?
प्रधानमंत्री मोदी ने एक छात्र के सवाल का जवाब देते हुए कहा, “जीवन परीक्षा से बड़ा है। अगर आप किसी परीक्षा में असफल होते हैं, तो इसका मतलब यह नहीं कि जीवन खत्म हो गया। विफलताएं हमें सीखने का मौका देती हैं।”
दिव्यांगजनों से सीखें
मोदी ने कहा कि हमें दिव्यांगजनों से सीख लेनी चाहिए। वे अपनी कठिनाइयों के बावजूद कुछ असाधारण क्षमताओं के साथ आगे बढ़ते हैं। यह हमें प्रेरणा देता है कि जीवन में हर परिस्थिति का डटकर सामना करना चाहिए।
भारत-फ्रांस संबंध होंगे मजबूत
प्रधानमंत्री मोदी सोमवार रात फ्रांस पहुंचे, जहां वे एआई एक्शन समिट में भाग लेंगे। इस दौरे में वे फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे और भारत-फ्रांस संबंधों को और मजबूत बनाएंगे।
प्रधानमंत्री ने इस यात्रा को ऐतिहासिक बताया और कहा कि एआई, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन पर गहन चर्चा होगी।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी का ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम छात्रों के लिए बेहद प्रेरणादायक रहा। उन्होंने सकारात्मक सोच, सही तकनीक का उपयोग और तनावमुक्त पढ़ाई के महत्व पर जोर दिया। छात्रों को यह समझना चाहिए कि सफलता केवल परीक्षा से नहीं, बल्कि जीवन में आने वाली चुनौतियों से लड़कर हासिल होती है।