केजीबीवी में अटल टिंकरिंग लैब और ब्रॉडबैंड की सुविधा
लखनऊ। अब कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) की छात्राएं भी आधुनिक तकनीक जैसे रोबोटिक्स, थ्रीडी प्रिंटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगी। इसके लिए पहले चरण में 171 विद्यालयों में अटल टिंकरिंग लैब स्थापित की जाएगी। इसके साथ ही सभी 746 केजीबीवी में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी भी उपलब्ध कराई जाएगी।
छात्राओं को मिलेगी आधुनिक शिक्षा
प्रदेश सरकार बेसिक और माध्यमिक विद्यालयों के साथ-साथ केजीबीवी को भी आधुनिक संसाधनों और डिजिटल सुविधाओं से लैस कर रही है। अब छात्राएं नवाचार आधारित शिक्षा के माध्यम से आधुनिक तकनीकों का व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त कर सकेंगी।
171 विद्यालयों में अटल टिंकरिंग लैब
समग्र शिक्षा अभियान के तहत पहले चरण में 171 केजीबीवी में अटल टिंकरिंग लैब स्थापित की जा रही है। इसके लिए 17 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है।
- छात्राओं को कक्षा 9 से 12वीं तक आधुनिक शिक्षा दी जाएगी।
- रोबोटिक्स, कोडिंग, थ्रीडी प्रिंटिंग जैसे विषयों पर प्रशिक्षण मिलेगा।
- केंद्रीय बजट के अनुसार पांच साल में 50,000 सरकारी स्कूलों में भी यह सुविधा दी जाएगी।
- प्रदेश के अन्य केजीबीवी को भी इस योजना में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है।
746 केजीबीवी में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी
सभी 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए प्रति विद्यालय 50,000 रुपये के हिसाब से कुल 3.73 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है।
क्या होगा फायदा?
- डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा मिलेगा।
- छात्राएं आधुनिक तकनीकों को समझकर आत्मनिर्भर बनेंगी।
- ऑनलाइन पढ़ाई और डिजिटल संसाधनों का उपयोग आसान होगा।
- सरकारी स्कूलों में भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का विस्तार होगा।
अधिकारियों का क्या कहना है?
समग्र शिक्षा के उप निदेशक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को आधुनिक शिक्षा से जोड़ना है। उन्होंने कहा, “जल्द ही इस योजना को प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा, जिससे छात्राएं भी तकनीकी क्षेत्र में आगे बढ़ सकें।”
यह योजना छात्राओं को एक नया अवसर देने के साथ-साथ शिक्षा को आधुनिक और सुलभ बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।