फाइलेरिया खत्म करने के लिए 1.10 करोड़ लोगों को खिलाई जाएगी दवा
लखनऊ। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान का वर्चुअल शुभारंभ किया गया। इस अभियान के तहत उत्तर प्रदेश के 14 जिलों में 1.10 करोड़ लोगों को फाइलेरिया की दवाएं खिलाई जाएंगी।
कैसे चलेगा अभियान?
प्रदेश में फाइलेरिया को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार लगातार अभियान चला रही है। इस अभियान के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को दवा खिलाएंगे।
- प्रदेश में 8,816 टीमें और 1,763 पर्यवेक्षक इस कार्य में लगे हुए हैं।
- हर ब्लॉक में रैपिड रिस्पांस टीम तैनात की गई है।
- स्वास्थ्य कार्यकर्ता सुनिश्चित करेंगे कि हर लाभार्थी उनके सामने ही दवा का सेवन करे।
किन जिलों में चल रहा है अभियान?
प्रदेश के 14 जिलों में इस अभियान को शुरू किया गया है। इनमें अवध क्षेत्र के लखनऊ, अमेठी और बाराबंकी जिले भी शामिल हैं।
- लखनऊ: गोसाईगंज
- अमेठी: जामो और मुसाफिरखाना
- बाराबंकी: दरियाबाद, देवा, फतेहपुर, जाटाबरौली, बनीकोडर, रामनगर, हरख, सिद्धौर और बाराबंकी शहरी
कौन लोग नहीं खा सकेंगे दवा?
कुछ विशेष परिस्थितियों में लोगों को फाइलेरिया की दवा नहीं खिलाई जाएगी।
- दो साल से कम उम्र के बच्चे
- गर्भवती महिलाएं
- अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति
स्वास्थ्य विभाग द्वारा लिम्फेडेमा से संक्रमित व्यक्तियों की देखभाल और हाइड्रोसील के मरीजों का समुचित इलाज भी किया जा रहा है।
डिप्टी सीएम ने क्या कहा?
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि पिछले वर्ष भी फरवरी और अगस्त में यह अभियान सफलतापूर्वक चलाया गया था। इस बार भी सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश को फाइलेरिया मुक्त बनाया जाए।
यदि आपको कोई परेशानी महसूस हो तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से तुरंत संपर्क करें।