अपार आईडी बनाने में आ रही दिक्कतें, 51% छात्रों की आईडी अभी भी लंबित
अक्षय कुमार, लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बेसिक और माध्यमिक शिक्षा के छात्रों की ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार) आईडी बनाने की प्रक्रिया में कई तकनीकी और प्रशासनिक बाधाएं सामने आ रही हैं। अब तक केवल 49% छात्रों की आईडी ही बन पाई है, जबकि 51.03% अभी भी लंबित हैं।
क्या है अपार आईडी?
शिक्षा मंत्रालय की पहल पर उत्तर प्रदेश के सरकारी और निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले सभी छात्रों की अपार आईडी बनाई जा रही है। इसका उद्देश्य छात्रों का डिजिटल डेटाबेस तैयार करना और शिक्षा प्रणाली को अधिक पारदर्शी बनाना है।
आईडी बनने में आ रही समस्याएं
राज्य परियोजना निदेशालय द्वारा 6 फरवरी को जारी आंकड़ों के अनुसार, सत्र 2024-25 में प्रदेश के 2,62,784 बेसिक और माध्यमिक स्कूलों में कुल नामांकन 3.92 करोड़ है। लेकिन अब तक केवल 2 करोड़ छात्रों की अपार आईडी ही बनाई जा सकी है।
सबसे अधिक पेंडिंग आईडी वाले जिले
- कानपुर नगर: 73.36% लंबित
- आगरा: 63.57% लंबित
- मुरादाबाद: 62.71% लंबित
- मेरठ: 62.30% लंबित
- गाजीपुर: 62.16% लंबित
- बलिया: 61.45% लंबित
- आजमगढ़: 60.49% लंबित
बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिले
कुछ जिलों में अपार आईडी बनाने की प्रक्रिया बेहतर तरीके से चल रही है:
- बहराइच: 34.19% लंबित
- सीतापुर: 36.60% लंबित
- बाराबंकी: 38.87% लंबित
- बलरामपुर: 40.21% लंबित
आईडी न बनने की मुख्य वजहें
शिक्षकों और प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, अपार आईडी बनने में निम्नलिखित दिक्कतें आ रही हैं:
- आधार कार्ड और स्कूल रिकॉर्ड में नाम व जन्मतिथि का अंतर।
- यू-डायस पोर्टल पर डाटा अपडेट न होने की समस्या।
- जन्म प्रमाणपत्र और आधार कार्ड में अंतर।
- आधार की जन्मतिथि को ही अंतिम सत्य माना जा रहा है, जबकि यह हमेशा सटीक नहीं होती।
- निजी स्कूलों की धीमी प्रगति।
शिक्षकों पर बढ़ रहा दबाव
कई जिलों में शिक्षकों का वेतन रोका जा रहा है, जिससे कुछ शिक्षकों ने छात्रों की आधार में लिखी जन्मतिथि से अपार आईडी बना दी। इससे भविष्य में छात्रों को समस्याएं हो सकती हैं।
शिक्षक संघ की मांग
डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा (प्रदेश अध्यक्ष, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ) ने कहा:
“अपार आईडी बनाने में व्यावहारिक दिक्कतें हैं। साफ्टवेयर की समस्याओं को दूर किया जाए। आधार की जन्मतिथि को अनिवार्य मानने की बाध्यता हटाई जाए और यू-डायस पर नाम संशोधन का अधिकार प्रधानाचार्य को दिया जाए।”
शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया
कंचन वर्मा (महानिदेशक, स्कूल शिक्षा) ने कहा:
“आधार और यू-डायस में संशोधन के अधिकार केंद्रीय मंत्रालय से जुड़े हैं। अपार आईडी बनाने में आ रही दिक्कतों को शिक्षा मंत्रालय के संज्ञान में लाया जा रहा है। सरकारी विद्यालयों में 80% तक आईडी बन गई हैं, लेकिन निजी विद्यालयों में प्रगति धीमी है।”