हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: जेल में बिताई गई अवधि का वेतन नहीं मिलेगा
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बिताई गई अवधि का वेतन कर्मचारी को नहीं दिया जाएगा। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जहां काम नहीं, वहां वेतन नहीं का सिद्धांत लागू होगा। इस तरह की छूट से राज्य के खजाने को नुकसान पहुंचेगा।
कोर्ट ने याचिका को किया खारिज
हाईकोर्ट ने यह फैसला हाथरस निवासी शिवाकर सिंह की याचिका पर सुनाया। शिवाकर सिंह बिजली विभाग में कार्यरत थे और उन पर बिजली कनेक्शन के लिए रिश्वत मांगने का आरोप लगा था। उपभोक्ता की शिकायत पर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अजय भनोट ने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बिताई गई अवधि के दौरान वेतन मांगने का कर्मचारी को कोई वैध अधिकार नहीं है।
तीन साल जेल में रहने के बाद वेतन का दावा
शिवाकर सिंह 23 जनवरी 2015 से 18 दिसंबर 2018 तक जेल में थे। इस दौरान उन्हें निलंबित कर दिया गया। जेल से छूटने के बाद उन्होंने अपनी सेवा बहाल कराने के साथ ही जेल में बिताए समय का वेतन मांगा।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाने वाले व्यक्ति को वेतन की मांग करने का अधिकार नहीं है। यह नैतिक और विधिक दोनों ही दृष्टिकोण से गलत है।
निष्कर्ष
हाईकोर्ट के इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाता है, तो वह उस अवधि का वेतन पाने का अधिकारी नहीं होगा। इस फैसले से सरकारी संस्थानों में अनुशासन बनाए रखने में मदद मिलेगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।
हापुड़ हत्याकांड: महिला समेत सात को उम्रकैद
हापुड़। वर्ष 2023 में हाफिजपुर थाना क्षेत्र के ग्राम चचोई में हुए राजकुमार हत्याकांड में जिला न्यायालय ने महिला समेत सात दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायाधीश मलखान सिंह ने दोषियों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
48 कार्य दिवस में मुकदमे की सुनवाई पूरी
मामले की सुनवाई 48 कार्य दिवस में पूरी कर ली गई, जो न्यायिक प्रक्रिया के तहत एक तेज गति से निपटाए गए मामलों में गिना जा सकता है।
फैसले से पीड़ित परिवार को न्याय
इस फैसले से पीड़ित परिवार को न्याय मिला है और यह संदेश गया है कि अपराधियों को कानून के तहत सख्त सजा दी जाएगी।