उत्तर प्रदेश में 8 लाख बच्चों का निपुण टेस्ट 17 फरवरी से
उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा एक व दो के बच्चों की भाषा और गणित की दक्षता जांचने के लिए निपुण टेस्ट आयोजित किया जा रहा है। इस टेस्ट में कुल 36820 विद्यालयों के लगभग आठ लाख बच्चों का मूल्यांकन किया जाएगा।
कैसे होगा निपुण टेस्ट?
बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार, यह टेस्ट डीएलएड प्रशिक्षुओं द्वारा लिया जाएगा। प्रत्येक प्रशिक्षु दो विद्यालयों का दौरा करेगा और ऑनलाइन टेस्ट का संचालन करेगा। इस टेस्ट में बच्चों को 75% सवालों के सही उत्तर देने होंगे, तभी वे निपुण विद्यार्थी के रूप में योग्य माने जाएंगे।
बच्चों की उपस्थिति अनिवार्य
शिक्षा विभाग ने निर्देश दिए हैं कि 17 फरवरी को सभी विद्यालयों में बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी। प्रधानाध्यापक और शिक्षक इसकी जिम्मेदारी निभाएंगे।
ऑनलाइन मूल्यांकन और रैंडम चेकिंग
महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने बताया कि टेस्ट के आंकड़े निपुण लक्ष्य एप पर अपलोड किए जाएंगे। इसमें बच्चों की फोटो और अन्य जानकारी अनिवार्य होगी। इसके अलावा, विद्या समीक्षा केंद्र द्वारा वीडियो कॉल के माध्यम से रैंडम चेकिंग भी की जाएगी ताकि टेस्ट की प्रमाणिकता सुनिश्चित हो सके।
क्या होगा लाभ?
- बच्चों की भाषा और गणित की दक्षता का सही मूल्यांकन होगा।
- डीएलएड प्रशिक्षुओं को वास्तविक शिक्षण अनुभव मिलेगा।
- शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए डेटा एकत्र किया जाएगा।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और बच्चों की नींव मजबूत करने के लिए यह निपुण टेस्ट एक महत्वपूर्ण कदम है। इस टेस्ट के माध्यम से बच्चों की क्षमताओं का सही आकलन कर उन्हें और बेहतर शिक्षा देने की दिशा में कार्य किया जाएगा।