हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: झूठी शिकायत पर शिक्षकों का वेतन रोकने का आदेश रद्द









हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: झूठी शिकायत पर शिक्षकों का वेतन रोकने का आदेश रद्द

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: झूठी शिकायत पर शिक्षकों का वेतन रोकने का आदेश रद्द

प्रयागराज, विधि संवाददाता: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने **झूठी शिकायत के आधार पर तीन शिक्षकों के वेतन रोकने के आदेश** को **रद्द कर दिया** है। साथ ही, **शिकायतकर्ता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई** करने और **एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने** पर विचार करने का निर्देश दिया है। यह फैसला **शिक्षकों के अधिकारों की सुरक्षा** और **अनावश्यक उत्पीड़न पर रोक** लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण मिसाल बनेगा।

हाईकोर्ट का सख्त रुख: शिक्षकों को राहत

न्यायमूर्ति **सौरभ श्याम शमशेरी** ने यह आदेश सुनाते हुए कहा कि **शिक्षकों को झूठी शिकायत के कारण परेशान नहीं किया जा सकता**। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि **इन शिक्षकों ने दो दशकों से अधिक समय तक अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है**, लेकिन झूठे आरोपों के कारण **उन्हें हाईकोर्ट का चक्कर लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा**।

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झूठी शिकायत पर होगी कानूनी कार्रवाई

हाईकोर्ट ने यह निर्देश दिया कि **शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाए** कि **क्यों न उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए और 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाए**। अदालत ने कहा कि इस तरह की शिकायतों से **कर्मचारियों का मनोबल गिरता है और न्यायिक प्रणाली पर अनावश्यक दबाव पड़ता है**।

पूरा मामला: शिक्षकों पर झूठे आरोप

  • कौन हैं प्रभावित शिक्षक?
    आगरा के **रकाबगंज स्थित एंग्लो बंगाली बालिका इंटर कॉलेज** में **सरोज अग्रवाल, दुर्गेश मिश्रा और इंदूबाला कोहली** को **1998 में शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया** था।
  • कौन है शिकायतकर्ता?
    **ग्राम सूरोठी अछनेरा निवासी भूपेंद्र सिंह** ने इन शिक्षकों के खिलाफ **शिकायत दर्ज करवाई थी**।
  • वेतन रोकने का आदेश कब आया?
    **31 दिसंबर 2024** को **जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस)** ने **शिक्षकों के वेतन पर रोक लगाने का आदेश दिया**।
  • शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका क्यों दायर की?
    **झूठे आरोपों के कारण वेतन रुकने** से परेशान होकर शिक्षकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और **न्याय की मांग की**।

हाईकोर्ट का फैसला: शिक्षकों को न्याय मिला

हाईकोर्ट ने **डीआईओएस के आदेश को असंवैधानिक और अनुचित बताते हुए** शिक्षकों का वेतन **बहाल करने का निर्देश दिया**। साथ ही, **शिकायतकर्ता पर कानूनी कार्रवाई करने और अर्थदंड लगाने की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया**।

इस फैसले का व्यापक प्रभाव

✅ **शिक्षकों के अधिकारों की रक्षा होगी।**
✅ **झूठी शिकायत करने वालों पर अंकुश लगेगा।**
✅ **शिक्षा जगत में पारदर्शिता और न्याय की पुनःस्थापना होगी।**

निष्कर्ष

इस फैसले से स्पष्ट हो गया है कि **झूठी शिकायतों के आधार पर किसी शिक्षक या कर्मचारी को परेशान नहीं किया जा सकता**। यह आदेश **शिक्षकों की गरिमा की रक्षा** करने और **अनावश्यक उत्पीड़न पर रोक** लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण बनेगा।

स्रोत: इलाहाबाद हाईकोर्ट


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