अमेरिका से निर्वासित भारतीयों की वतन वापसी: कठिन सफर और नए जीवन की शुरुआत
पूरनपुर (पीलीभीत), संवाददाता: पीलीभीत के गुरप्रीत सिंह के लिए अमेरिका जाने का सपना एक दर्दनाक सफर में बदल गया। अवैध अप्रवासी के रूप में पकड़े जाने के बाद 37 घंटे की यात्रा में उन्हें हथकड़ी और बेड़ियों के साथ लौटाया गया।
अवैध आव्रजन का दर्दनाक अनुभव
गुरप्रीत सिंह ने बताया कि अमेरिका जाने के लिए लाखों रुपये खर्च किए थे, लेकिन वहां सेना ने मैक्सिको बॉर्डर पर ही पकड़ लिया। उन्हें कैलिफोर्निया के आईलैंड पर 22 दिन तक हिरासत में रखा गया, जहां भारतीयों समेत कई अन्य देशों के लोग भी मौजूद थे।
वतन वापसी की राहत
अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरने के बाद उनके हाथ-पैर की बेड़ियां खोली गईं। पूछताछ के बाद दिल्ली लाया गया और फिर पुलिस उन्हें वापस पीलीभीत लेकर आई। गुरप्रीत ने बताया कि हापुड़ में पुलिस ने उन्हें खाना खिलाया और अच्छे व्यवहार के साथ घर तक पहुंचाया।
गुजरात के 33 लोग अमेरिका से निर्वासित
अहमदाबाद, एजेंसी: गुजरात के 33 लोगों को लेकर गुरुवार सुबह अमृतसर से अहमदाबाद हवाई अड्डे पर एक विमान उतरा। ये सभी वे लोग थे जिन्हें अवैध आव्रजन के आरोप में अमेरिका से निर्वासित किया गया था।
पुलिस ने किया सुरक्षा इंतजाम
सहायक पुलिस आयुक्त आर.डी. ओझा ने बताया कि इन 33 अप्रवासियों को विशेष सुरक्षा के तहत उनके मूल जिलों में भेजा गया। इनमें महसाणा, गांधीनगर, पाटन, वडोदरा और खेड़ा जिले के लोग शामिल थे, जिनमें कुछ बच्चे और महिलाएं भी थीं।
अवैध आव्रजन का बढ़ता संकट
हाल के वर्षों में कई भारतीय अवैध रूप से अमेरिका जाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कठोर अमेरिकी नीति के कारण वे पकड़े जाते हैं और फिर निर्वासित कर दिए जाते हैं। ऐसे मामलों से बचने के लिए सरकार भी सख्त कदम उठा रही है।
निष्कर्ष
गुरप्रीत सिंह और गुजरात के 33 अन्य लोगों की कहानी उन हजारों भारतीयों के लिए सबक है जो अवैध रूप से विदेश जाने का सपना देखते हैं। बिना कानूनी प्रक्रिया के अमेरिका जाने की कोशिश न सिर्फ आर्थिक रूप से नुकसानदायक है बल्कि यह मानसिक और शारीरिक रूप से भी बेहद पीड़ादायक हो सकती है।