साइबर ठगी का नया तरीका: फर्जी राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल से ठगी, गृह मंत्रालय ने किया अलर्ट
जमशेदपुर: साइबर अपराधी लगातार नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। जब तक पुलिस एक मामले को सुलझा पाती है, तब तक नए मामले सामने आ जाते हैं। अब ठगों ने ठगी के लिए फर्जी राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल ही बना लिया है।
कैसे खुलासा हुआ फर्जी पोर्टल का?
बेंगलुरु के सब-इंस्पेक्टर श्रीनिवास आर ने इसकी जानकारी साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 को दी, जिसके बाद मामला दर्ज किया गया। जांच में सामने आया कि अज्ञात साइबर ठगों ने एक नकली साइबर क्राइम पोर्टल बनाया था, जो असली पोर्टल की तरह ही दिखता था।
गृह मंत्रालय का अलर्ट
गृह मंत्रालय की इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) ने सभी राज्यों की पुलिस को सूचना जारी की। इसमें कहा गया कि लोग साइबर अपराध की शिकायत केवल ऑफिशियल पोर्टल या साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर ही करें।
जमशेदपुर में ठगी का प्रयास
जमशेदपुर पुलिस को भी इस फर्जी पोर्टल की जानकारी मिली। एक पीड़ित ने जब गूगल पर साइबर ठगी की शिकायत के लिए लिंक खोजा, तो उसे एक फर्जी वेबसाइट www.customerslegaladvice.in मिली। यहां ₹1999 का सेवा शुल्क मांगा गया, लेकिन समय रहते उसे ठगी का अहसास हो गया और उसने भुगतान नहीं किया।
कैसे बचें साइबर ठगी से?
साइबर एक्सपर्ट संजय मिश्रा बताते हैं कि वेबसाइट का एड्रेस हमेशा चेक करें। असली वेबसाइट का URL “https://” से शुरू होता है, लेकिन ठग भी मिलते-जुलते यूआरएल बना सकते हैं। इसलिए हमेशा आधिकारिक स्रोत से ही जानकारी लें।
सही वेबसाइट और हेल्पलाइन
अगर आप साइबर ठगी के शिकार होते हैं तो इस आधिकारिक पोर्टल पर शिकायत करें:
इसके अलावा, तत्काल सहायता के लिए साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें।
साइबर अपराध की शिकायत करना मुफ्त है
एसएसपी किशोर कौशल ने बताया कि साइबर क्राइम की शिकायत निःशुल्क है। किसी भी वेबसाइट पर शिकायत दर्ज करने के लिए शुल्क मांगा जाए तो समझ लें कि यह फर्जी हो सकता है।
निष्कर्ष
साइबर अपराधी लगातार नए तरीके खोज रहे हैं, लेकिन सतर्क रहकर और सही पोर्टल का उपयोग करके इनसे बचा जा सकता है। हमेशा ऑफिशियल वेबसाइट और हेल्पलाइन का ही इस्तेमाल करें।