कर्मचारियों को 15 फरवरी तक देना होगा संपत्ति का विवरण
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मचारियों के लिए संपत्ति विवरण दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 फरवरी 2025 तक बढ़ा दी है। जो कर्मचारी तय समयसीमा के भीतर अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं देंगे, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
831844 में से केवल 593873 कर्मचारियों ने दिया विवरण
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बृहस्पतिवार को निर्देश जारी करते हुए बताया कि पहले 31 जनवरी तक संपत्ति विवरण जमा करने की समयसीमा तय थी। हालांकि, अब तक 831844 अधिकारियों एवं कर्मचारियों में से केवल 593873 ने ही अपनी संपत्ति का ब्योरा मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज किया है। इसी कारण सरकार ने इस तिथि को 15 फरवरी तक बढ़ाने का फैसला किया है।
निर्देशों की अवहेलना पर होगी कार्रवाई
मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि अगर कोई कर्मचारी तय समयसीमा के भीतर अपनी संपत्ति का विवरण नहीं देता, तो उसके खिलाफ सख्त प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। सभी विभाग प्रमुखों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि उनके अधीनस्थ कर्मचारी इस नियम का पालन करें।
गोपनीय प्रविष्टियां दाखिल करने की तिथि 28 फरवरी तक बढ़ी
समूह ‘क’ और ‘ख’ के अधिकारियों के लिए गोपनीय प्रविष्टियां (ACR) दाखिल करने की अंतिम तिथि 28 फरवरी 2025 कर दी गई है। पहले यह तिथि 31 जनवरी थी, लेकिन कई अधिकारियों द्वारा गोपनीय प्रविष्टियां समय पर अपलोड न किए जाने के कारण इसे बढ़ा दिया गया है।
कर्मचारियों के हित को देखते हुए लिया गया निर्णय
मुख्य सचिव ने कहा कि कई विभागों में अधिकारियों की गोपनीय प्रविष्टियां अभी तक अपडेट नहीं हुई हैं, जिससे कर्मचारियों के हितों पर असर पड़ सकता है। इसी कारण सरकार ने समयसीमा को बढ़ाने का फैसला लिया है।
सख्त कार्रवाई के निर्देश
मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि सभी अधिकारी और कर्मचारी अपनी गोपनीय प्रविष्टियां समय पर अपलोड करें। इसके अलावा, जो अधिकारी इस प्रक्रिया में लापरवाही बरतेंगे, उनकी जिम्मेदारी तय की जाएगी।
सरकार द्वारा लिए गए इन निर्णयों का उद्देश्य प्रशासनिक प्रक्रिया को पारदर्शी और सुचारू बनाना है। सभी सरकारी कर्मचारियों को समयसीमा के भीतर अपनी संपत्ति विवरण और गोपनीय प्रविष्टियां दाखिल करने की सलाह दी जाती है।