सख्तीः इंदौर में भिखारी को ₹10 देने पर केस









सख्तीः इंदौर में भिखारी को ₹10 देने पर केस


सख्तीः इंदौर में भिखारी को ₹10 देने पर केस

इंदौर/भोपाल, एजेंसी। इंदौर और भोपाल में अब भिखारियों को पैसे देना गैरकानूनी हो गया है। प्रशासन द्वारा उठाए गए इस कदम का मकसद इंदौर को देश का पहला भीख मुक्त शहर बनाना है।

WhatsApp Channel Join Now
WhatsApp Group Join Now
Telegram Channel Join Now

क्या है नया नियम?

इंदौर प्रशासन ने सख्ती बरतते हुए एक नया कानून लागू किया है, जिसके तहत:

  • भिखारियों को पैसे देना अपराध माना जाएगा।
  • इस कानून का उल्लंघन करने पर एक साल की जेल या ₹5000 तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
  • भीख मांगने वालों को पुनर्वास केंद्र भेजा जाएगा।

पहला मामला: ₹10 देने पर केस दर्ज

सोमवार को लसूड़िया थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति ने मंदिर के बाहर एक भिखारी को ₹10 दिए, जिसके बाद प्रशासन की भिक्षावृत्ति उन्मूलन टीम ने शिकायत दर्ज कराई।

भोपाल में भी होगी सख्त कार्रवाई

इंदौर के बाद भोपाल में भी यह नियम लागू कर दिया गया है। भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सोमवार को घोषणा की कि:

  • भिखारी को पैसे देने वाले पर सख्त कार्रवाई होगी।
  • भीख मांगने वालों के लिए पुनर्वास केंद्र की व्यवस्था की जा रही है।

क्या है इस कानून का उद्देश्य?

इंदौर और भोपाल प्रशासन का मानना है कि भीख मांगने से:

  • अवैध गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है।
  • संगठित भिक्षावृत्ति गिरोह पनपते हैं।
  • शहर की छवि प्रभावित होती है।

जनता की राय

इस नियम को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग इसे सकारात्मक कदम मानते हैं, जबकि कुछ इसे गरीबों के खिलाफ अन्यायपूर्ण मान रहे हैं।

निष्कर्ष

इंदौर और भोपाल प्रशासन भीख मांगने की समस्या को खत्म करने के लिए सख्त कदम उठा रहा है। हालांकि, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या पुनर्वास केंद्रों की व्यवस्था प्रभावी होगी और क्या यह नीति वास्तव में भीख मुक्त समाज बनाने में मदद कर पाएगी।


Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top