अपार आईडी को लेकर सख्ती, कई जिलों में वेतन रोकने की चेतावनी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बेसिक व माध्यमिक विद्यालयों में छात्रों की ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार) आईडी बनाने को लेकर सख्ती बढ़ा दी गई है। राज्य के विभिन्न जिलों में शिक्षकों के वेतन रोकने की चेतावनी भी दी गई है। लखनऊ और मैनपुरी समेत कई जिलों में बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) द्वारा इस संबंध में सख्त निर्देश जारी किए गए हैं।
60-70% ही बनी हैं अपार आईडी
सरकारी निर्देशों के बावजूद अब तक केवल 60-70% छात्रों की अपार आईडी ही बनाई जा सकी है। शिक्षा विभाग लगातार प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दे रहा है, लेकिन तकनीकी दिक्कतों के कारण इसमें देरी हो रही है।
शिक्षकों के वेतन रोकने की चेतावनी पर नाराजगी
विभिन्न शिक्षक संगठनों ने वेतन रोकने की चेतावनी पर नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि तकनीकी कारणों से यदि अपार आईडी नहीं बन पा रही है, तो इसके लिए शिक्षक जिम्मेदार नहीं हैं। संगठनों ने इस मुद्दे पर शासन से पुनर्विचार की मांग की है।
महानिदेशक करेंगी समीक्षा
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने बुधवार को पूरे प्रदेश में अपार आईडी पंजीकरण की समीक्षा करने का निर्णय लिया है। समीक्षा के बाद आगे की कार्रवाई और दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
क्या है अपार आईडी?
अपार आईडी (APAR ID) एक डिजिटल छात्र पहचान संख्या है, जो सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले प्रत्येक छात्र को दी जा रही है। इसका उद्देश्य छात्रों की शैक्षिक यात्रा को ट्रैक करना और भविष्य में शिक्षा प्रणाली को डिजिटल और पारदर्शी बनाना है।
निष्कर्ष
अपार आईडी को लेकर सरकार की सख्ती और वेतन रोकने की चेतावनी ने शिक्षकों के बीच चिंता बढ़ा दी है। तकनीकी समस्याओं को दूर करने और शिक्षकों को राहत देने के लिए शिक्षा विभाग को संतुलित नीति अपनाने की आवश्यकता है।