विदेश तक हुई देश की प्रदूषित हवा की किरकिरी,मशहूर अरबपति के पड़े छाले, बीच पॉडकास्ट छोड़ा शो









भारत की आबोहवा खराब: अरबपति ब्रायन जॉनसन ने पॉडकास्ट बीच में छोड़ा

भारत की आबोहवा खराब: अरबपति ब्रायन जॉनसन ने पॉडकास्ट बीच में छोड़ा

नई दिल्ली: भारत में वायु प्रदूषण लगातार एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। हाल ही में 47 वर्षीय अमेरिकी अरबपति ब्रायन जॉनसन ने वायु प्रदूषण की भयावह स्थिति पर चिंता जताई है।

ब्रायन जॉनसन ने पॉडकास्ट बीच में क्यों छोड़ा?

ब्रायन जॉनसन, जो कि एक प्रसिद्ध एज-रिवर्सिंग टेक्नोलॉजी के सीईओ हैं, ने भारत में आयोजित एक पॉडकास्ट को बीच में ही छोड़ दिया। यह कार्यक्रम जेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के साथ था।

उन्होंने बताया कि जिस होटल में पॉडकास्ट हो रहा था, वहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 130 था, जो 24 घंटे में तीन सिगरेट पीने के बराबर है।

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प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य पर प्रभाव

ब्रायन ने कहा कि भारत में उनका यह तीसरा दिन था और प्रदूषित हवा के कारण उनकी त्वचा पर दाने हो गए थे। साथ ही, उनकी आंखों और गले में जलन होने लगी थी। उन्होंने यह भी बताया कि वे अपने साथ एक एयर प्यूरिफायर लेकर आए थे, लेकिन खराब हवा के कारण वह भी सही से काम नहीं कर सका।

“खराब हवा के कारण मेरा बैठना मुश्किल हो गया था।” – ब्रायन जॉनसन

भारत में बढ़ रहा कैंसर का खतरा

एक हालिया वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, वायु प्रदूषण के कारण फेफड़ों के कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। अध्ययन में पाया गया कि 2022 में लगभग दो लाख नए कैंसर के मामले वायु प्रदूषण के कारण सामने आए।

भारत में कैंसर के मामले

  • भारत में 3% कैंसर के मामले वायु प्रदूषण के कारण होते हैं।
  • पूर्वी एशिया में यह आंकड़ा 27.12% तक पहुंच गया है।
  • उत्तरी अफ्रीका में 12.56% मामले वायु प्रदूषण से जुड़े पाए गए।

महिलाएं अधिक प्रभावित

शोध में यह भी सामने आया कि वायु प्रदूषण के कारण महिलाओं में फेफड़ों का कैंसर अधिक देखा जा रहा है। आंकड़ों के अनुसार:

कैंसर प्रकार महिलाओं में% पुरुषों में%
ग्रंथि कैंसर 29.4% 17.1%
छोटी सेल कार्सिनोमा 11.5% 9.7%
बड़ी सेल कार्सिनोमा 6.5% 6.5%

भारत में प्रदूषण पर नियंत्रण की आवश्यकता

ब्रायन जॉनसन की इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर प्रदूषण को लेकर बहस छिड़ गई है। भारत में वायु प्रदूषण को अक्सर सामान्य स्थिति माना जाता है, लेकिन इसके गंभीर प्रभावों को अनदेखा नहीं किया जा सकता।

क्या करना चाहिए?

सरकार और नागरिकों को मिलकर वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कदम उठाने होंगे। कुछ सुझाव:

  • सख्त पर्यावरणीय नियम लागू किए जाएं।
  • बड़े शहरों में ग्रीन जोन बनाए जाएं।
  • वाहनों और उद्योगों से धुएं का उत्सर्जन नियंत्रित किया जाए।
  • लोगों को मास्क और एयर प्यूरिफायर का अधिक उपयोग करने के लिए जागरूक किया जाए।

निष्कर्ष

वायु प्रदूषण सिर्फ भारत का नहीं, बल्कि ग्लोबल हेल्थ क्राइसिस बन चुका है। अरबपति ब्रायन जॉनसन का भारत में अनुभव यह दर्शाता है कि हमें इस समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए।

सरकार और आम जनता को मिलकर सस्टेनेबल और स्वच्छ पर्यावरण के लिए कार्य करना होगा, ताकि भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ भारत तैयार किया जा सके।


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