बजट 2025 में करदाताओं के लिए बड़ा बदलाव: पूंजीगत लाभ, लॉटरी, गेमिंग और व्यावसायिक आय पर अब रिबेट नहीं मिलेगी। जानिए नया टैक्स गणित







पूंजीगत लाभ के मामलों में रिबेट खत्म: बजट 2025 का बड़ा बदलाव

करदाताओं को पूंजीगत लाभ के मामलों में अब रिबेट का लाभ नहीं

नई दिल्ली, एजेंसी। बजट 2025 में करदाताओं के लिए बड़ा बदलाव किया गया है। 12 लाख रुपये तक की आय पर भले ही विशेष कर छूट (रिबेट) मिलेगी, लेकिन पूंजीगत लाभ, लॉटरी, गेमिंग और व्यावसायिक आय पर यह छूट लागू नहीं होगी।

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किन मामलों में रिबेट नहीं मिलेगी?

धारा 87ए के तहत रिबेट केवल वेतन से हुई आय पर मिलेगी। लेकिन यदि आय के स्रोतों में शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, संपत्ति, लॉटरी, गेमिंग, सट्टेबाजी या व्यावसायिक आय शामिल है, तो करदाताओं को अतिरिक्त कर चुकाना होगा।

इन मामलों में 12 लाख रुपये की आय होने पर भी कर देना होगा

1. पूंजीगत लाभ

अल्पकालिक पूंजीगत लाभ

  • शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, संपत्ति या अन्य परिसंपत्तियों से अल्पकालिक पूंजीगत लाभ (1 साल से कम अवधि) पर 20% कर लगेगा।
  • इस पर धारा 87ए की रिबेट लागू नहीं होगी।

दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ

  • शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, अचल संपत्ति आदि से अर्जित दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 12.5% कर लागू होगा।
  • यदि पूंजीगत लाभ 1 लाख रुपये से अधिक है, तभी कर लगेगा।

2. लॉटरी और गेमिंग शो

  • लॉटरी, जुए, सट्टेबाजी, गेम शो आदि से हुई आय पर 30% की उच्च दर से कर लगेगा।
  • इस पर भी रिबेट नहीं मिलेगी।

3. व्यावसायिक आय

  • फ्रीलांसिंग, व्यवसाय या पेशेवर सेवाओं से हुई आमदनी पर विशेष कर नियम लागू होंगे।
  • कर स्लैब के आधार पर कर लगाया जाएगा और कुछ मामलों में छूट नहीं मिलेगी।

कैसे समझें टैक्स की गणना?

अगर करदाता की कुल आय 12 लाख रुपये है, जिसमें से 8 लाख वेतन और 4 लाख पूंजीगत लाभ से आता है, तो:

  • धारा 87ए के तहत रिबेट केवल वेतन (8 लाख) पर मिलेगी।
  • शेष 4 लाख रुपये की पूंजीगत लाभ आय पर अल्पकालिक या दीर्घकालिक कर देना होगा।

अल्पकालिक लाभ पर कर

  • यदि 4 लाख रुपये की पूंजीगत आय अल्पकालिक लाभ है, तो 20% की दर से 80,000 रुपये टैक्स लगेगा।

दीर्घकालिक लाभ पर कर

  • यदि यह दीर्घकालिक लाभ है, तो 1.25 लाख रुपये की छूट मिलेगी।
  • शेष 2.75 लाख रुपये पर 12.5% कर लगेगा, यानी 34,375 रुपये टैक्स देना होगा।

रिबेट में क्या बदलाव किया गया?

  • पुरानी कर व्यवस्था में 12.75 लाख रुपये की आय पर 80,000 रुपये टैक्स लगता था।
  • नए बजट में यह घटकर 60,000 रुपये हो गया है।
  • धारा 87ए के तहत रिबेट की सीमा 25,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दी गई है।
निष्कर्ष: सरकार ने धारा 87ए के तहत विशेष कर छूट को केवल वेतन तक सीमित कर दिया है। यदि करदाता की आय में शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, लॉटरी, गेमिंग या व्यवसायिक आय शामिल है, तो उसे अतिरिक्त कर चुकाना होगा।


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