ऐसे समझें मार्जिनल रिलीफ का गणित
आयकर विभाग के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति की वार्षिक आय कर छूट की सीमा से थोड़ी ही अधिक हो, तो मार्जिनल रिलीफ का फायदा दिया जाता है। आइए इसे एक उदाहरण से समझते हैं।
रमेश की कर देनदारी (12.10 लाख रुपये की आय पर)
मान लीजिए रमेश की सालाना आय 12.10 लाख रुपये है। इस पर कर देनदारी की गणना इस प्रकार होगी:
- 0-4 लाख रुपये: कोई टैक्स नहीं
- 4-8 लाख रुपये: 5% टैक्स = 20,000 रुपये
- 8-12 लाख रुपये: 10% टैक्स = 40,000 रुपये
- अगले 10,000 रुपये (12 लाख के ऊपर) पर 15% टैक्स = 1,500 रुपये
कुल कर देनदारी: 61,500 रुपये
कैसे मिलती है 51,500 रुपये की मार्जिनल रिलीफ?
मार्जिनल रिलीफ की गणना करने के लिए:
- रमेश की आय 12.10 लाख में से कर छूट की सीमा 12 लाख घटा दें।
- कर योग्य अतिरिक्त आय = 10,000 रुपये
- टैक्स = 10,000 रुपये
- 61,500 – 10,000 = 51,500 रुपये की मार्जिनल रिलीफ मिलेगी।
- इससे रमेश की कर देनदारी घटकर 10,000 रुपये रह जाएगी।
अगर आय 12.75 लाख रुपये हो तो?
12.10 लाख से 12.75 लाख रुपये तक की आय पर कर देनदारी निम्न प्रकार होगी:
सालाना आय | बिना मार्जिनल रिलीफ टैक्स | मार्जिनल रिलीफ के बाद टैक्स |
---|---|---|
12.10 लाख | 61,500 | 10,000 |
12.50 लाख | 67,500 | 50,000 |
12.70 लाख | 70,500 | 70,000 |
12.75 लाख | 71,250 | 71,250 |
निष्कर्ष: 12.75 लाख रुपये की सालाना कमाई पर कोई मार्जिनल रिलीफ नहीं मिलेगी।