बसंत पंचमी की छुट्टी के आदेश आने शुरू ,बड़े संस्थानों ने किया अवकाश ,देखिए आदेश

बसंत पंचमी छुट्टी घोषित
बसंत पंचमी 2024: महत्व, पूजा विधि और परंपराएं

बसंत पंचमी 2024: महत्व, पूजा विधि और परंपराएं

बसंत पंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे **ज्ञान, विद्या और संगीत की देवी सरस्वती की पूजा** के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार वसंत ऋतु के आगमन का संकेत देता है और भारतीय संस्कृति में इसका विशेष महत्व है। इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करना, वसंत के स्वागत में गीत-संगीत गाना और देवी सरस्वती की आराधना करना शुभ माना जाता है।

WhatsApp Channel Join Now
WhatsApp Group Join Now
Telegram Channel Join Now

बसंत पंचमी का महत्व

बसंत पंचमी को देवी **सरस्वती जयंती** भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन देवी सरस्वती का जन्म हुआ था। यह दिन **विद्या, कला, संगीत और ज्ञान की आराधना का पर्व** है। छात्र, लेखक, कलाकार और संगीतकार इस दिन विशेष रूप से सरस्वती पूजा करते हैं।

बसंत पंचमी 2024 की तिथि

इस वर्ष **बसंत पंचमी 14 फरवरी 2024** को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार, यह पर्व माघ मास के **शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि** को आता है।

बसंत पंचमी की पूजा विधि

बसंत पंचमी पर **सरस्वती पूजा** का विशेष महत्व होता है। इस दिन घरों, स्कूलों और शिक्षण संस्थानों में पूजा की जाती है। पूजा विधि इस प्रकार है:

  • सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें, विशेषकर पीले वस्त्र पहनें।
  • माँ सरस्वती की मूर्ति या चित्र को पूजन स्थल पर स्थापित करें।
  • पीले फूल, अक्षत (चावल), हल्दी, गुड़ और पीले रंग की मिठाई अर्पित करें।
  • सरस्वती वंदना और मंत्रों का जाप करें।
  • विद्यार्थी इस दिन अपनी पुस्तकों और लेखन सामग्री की पूजा करते हैं।
  • सरस्वती माँ से विद्या, बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें।

बसंत पंचमी और पीले रंग का महत्व

बसंत पंचमी पर **पीला रंग** विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह वसंत ऋतु का प्रतीक है। इस दिन:

  • लोग पीले रंग के वस्त्र पहनते हैं।
  • पीले फूलों से माँ सरस्वती की पूजा की जाती है।
  • खिचड़ी, मीठे चावल और हलवा जैसे पीले रंग के भोजन बनाए जाते हैं।

बसंत पंचमी के सांस्कृतिक उत्सव

भारत के विभिन्न राज्यों में बसंत पंचमी को अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है:

  • उत्तर भारत: स्कूलों और कॉलेजों में सरस्वती पूजा का आयोजन होता है।
  • पश्चिम बंगाल: इस दिन बड़े स्तर पर **सरस्वती पूजा** होती है, जो दुर्गा पूजा की तरह भव्य होती है।
  • पंजाब: यहाँ लोग इस दिन पतंगबाजी करते हैं और वसंत का स्वागत करते हैं।
  • मध्य प्रदेश और राजस्थान: खेतों में **सरसों के पीले फूल** लहलहाने लगते हैं, जिससे वसंत ऋतु की सुंदरता और बढ़ जाती है।

बसंत पंचमी पर पतंगबाजी

**पतंगबाजी** बसंत पंचमी का एक प्रमुख आकर्षण है, खासकर **पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश** में। इस दिन **आकाश रंग-बिरंगी पतंगों से भर जाता है**, जो इस त्योहार की उमंग और उल्लास को दर्शाता है।

निष्कर्ष

**बसंत पंचमी** सिर्फ एक धार्मिक पर्व ही नहीं, बल्कि **वसंत ऋतु के आगमन का उत्सव** भी है। यह दिन **ज्ञान, विद्या, संगीत और उत्साह का प्रतीक** है। माँ सरस्वती की कृपा से सभी को ज्ञान, बुद्धि और सफलता प्राप्त हो – यही इस दिन की शुभकामना है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top