माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थी एआई रोबोटिक्स व थ्रीडी प्रिंटिंग में होंगे दक्ष
लखनऊ। केंद्रीय बजट में अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना के लिए जो घोषणा की गई है, उसका फायदा प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले लाखों छात्रों को मिलेगा। इसके तहत, अब प्रदेश के राजकीय विद्यालयों के छात्र भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), रोबोटिक्स, थ्रीडी प्रिंटिंग और अन्य तकनीकी क्षेत्रों में दक्ष हो सकेंगे। यह कदम छात्रों के तकनीकी कौशल को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना का महत्व
प्रदेश में केंद्रीय सरकार के सहयोग से समग्र शिक्षा योजना के तहत 101 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों (कक्षा नौ से 12 तक) में पहले ही अटल टिंकरिंग लैब स्थापित की जा चुकी है। इस वित्तीय वर्ष 2023-24 में 535 और राजकीय विद्यालयों में इन लैब्स की स्थापना की जा रही है, और यह प्रक्रिया मार्च 2025 तक पूरी हो जाएगी। इसके बाद, अगले वित्तीय वर्ष में प्रदेश के बाकी 300 राजकीय विद्यालयों में भी अटल टिंकरिंग लैब स्थापित की जाएंगी।
लैब का विस्तार और छात्रों के लिए नए अवसर
विष्णुकांत पांडेय, अपर राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा ने बताया कि प्रदेश में कुल 2,400 राजकीय माध्यमिक विद्यालय हैं, जिनमें से 900 विद्यालयों में कक्षा 8 से 12 तक की पढ़ाई होती है। पहले चरण में इन 900 विद्यालयों में लैब बनाई जा रही है। अगर केंद्र सरकार से सहयोग मिलता है तो अगले चरण में कक्षा 10 तक के विद्यालयों में भी लैब स्थापित की जाएंगी, जिससे अधिक छात्रों को लाभ मिलेगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल शिक्षा का विस्तार
इसके साथ ही, केंद्रीय बजट में भारत नेट परियोजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी देने की घोषणा की गई है। इससे यूपी के सरकारी विद्यालयों में डिजिटल लर्निंग और ऑनलाइन पढ़ाई को बढ़ावा मिलेगा। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां इंटरनेट की सुविधा अभी भी बहुत सीमित है, वहां इस सुविधा से छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा की सुविधा प्राप्त होगी।
ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के लाभ
यूपी में 2,400 से अधिक राजकीय माध्यमिक विद्यालय हैं, जिनमें से कई विद्यालयों में इंटरनेट की सुविधा नहीं है। कुछ विद्यालयों में प्रधानाचार्य या शिक्षक अपनी निजी इंटरनेट कनेक्टिविटी से पढ़ाई चलाते हैं। अब, ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी की सुविधा मिलने से इन विद्यालयों में डिजिटल शिक्षा के स्तर में सुधार होगा। इसके अलावा, 3500 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) को भी डिजिटल किया जाएगा, जिससे बायोमेट्रिक अटेंडेंस और दवाओं के रखरखाव से जुड़ी जानकारी जल्दी उपलब्ध हो सकेगी।
निष्कर्ष
केंद्रीय बजट में किए गए ये सुधार प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में तकनीकी और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देंगे। अटल टिंकरिंग लैब्स और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के माध्यम से, छात्रों को अत्याधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण मिलेगा, जो उन्हें भविष्य में रोजगार और अन्य अवसरों के लिए तैयार करेगा।