इसरो का ऐतिहासिक 100वां मिशन सफल, जल-थल-नभ पर रखेगा पैनी नजर
श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इसरो ने अपना 100वां मिशन सफलतापूर्वक पूरा करते हुए नेविगेशन उपग्रह एनवीएस-02 को जीएसएलवी रॉकेट की मदद से लॉन्च किया। यह उपग्रह भारत और आसपास के क्षेत्रों में बेहतर नेविगेशन सेवाएं प्रदान करेगा और जल, थल और नभ पर पैनी नजर रखेगा।
ऐसे हुई लॉन्चिंग
- मंगलवार, 02:53 AM: उल्टी गिनती शुरू हुई।
- बुधवार, 06:23 AM: रॉकेट का सफल प्रक्षेपण किया गया।
- बुधवार, 06:42 AM: उपग्रह को सटीक कक्षा (GTO) में स्थापित किया गया।
इसरो के नए अध्यक्ष वी. नारायणन का पहला मिशन
यह प्रक्षेपण इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन के नेतृत्व में पहला मिशन था। इस ऐतिहासिक मौके पर इसरो के पूर्व अध्यक्ष एस. सोमनाथ और ए.एस. किरण कुमार भी उपस्थित रहे। इस मिशन से पहले इसरो ने अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग का भी सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया था, जिसे 30 दिसंबर, 2024 को प्रक्षेपित किया गया था।
एनवीएस-02 उपग्रह के प्रमुख लाभ
- सटीक नेविगेशन सेवाएं: भारत और पड़ोसी क्षेत्रों के लिए बेहतर दिशा-निर्देश।
- सुरक्षा एवं रक्षा: जल, थल और नभ पर निगरानी क्षमताओं को बढ़ाएगा।
- अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में नया मुकाम: भारत की स्वदेशी नेविगेशन प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाएगा।
निष्कर्ष
इसरो का यह 100वां मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान की एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है। एनवीएस-02 उपग्रह से भारत की नेविगेशन प्रणाली को मजबूती मिलेगी और यह रक्षा, संचार एवं नागरिक सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसरो की यह सफलता भारत को अंतरिक्ष महाशक्ति बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम है।