कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों के लिए अनिवार्य हुई अपार आईडी
लखनऊ। ऑटोमेटिक परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार) आईडी अब कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों के लिए अनिवार्य कर दी गई है। सीबीएसई और सीआईएससीई से संबद्ध स्कूलों द्वारा अब तक अपार आईडी न बनाने पर डीआईओएस राकेश कुमार ने स्कूलों को नोटिस जारी किया है।
अपार आईडी क्यों है जरूरी?
- शैक्षिक अभिलेखों की सुरक्षा और धोखाधड़ी रोकने के लिए।
- छात्रों को एजुकेशन लोन और छात्रवृत्ति में सुविधा देने के लिए।
- शैक्षिक स्कोरकार्ड, मार्कशीट, डिप्लोमा जैसी जानकारियों को आसानी से एक्सेस करने के लिए।
कंट्रोल रूम स्थापित, स्कूलों की होगी समीक्षा
अपार आईडी बनाने की प्रक्रिया में आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। यहां से हर स्कूल की समीक्षा की जाएगी और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएंगे।
शहर में 80% छात्रों की आईडी अब भी लंबित
अमर उजाला की 23 जनवरी की रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी में 80% छात्रों के पास अभी भी अपार आईडी नहीं है। रिपोर्ट के बाद प्रशासन ने स्कूलों की मॉनिटरिंग शुरू कर दी है।
सरकारी व निजी स्कूलों में अपार आईडी की स्थिति
- 62% सरकारी स्कूलों के छात्रों की अपार आईडी बनी।
- 22% वित्तविहीन स्कूलों के छात्रों की आईडी तैयार।
- 13% सीबीएसई स्कूलों के छात्रों की आईडी बनी।
- 52% एडेड स्कूलों के छात्रों की आईडी बनी।
इन स्कूलों को मिला नोटिस
डीआईओएस राकेश पांडेय ने 5 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, 20 आईएससी स्कूल और 19 सीबीएसई स्कूल को नोटिस जारी किया है। इन स्कूलों में अब तक बहुत कम छात्रों की अपार आईडी बनी है।
शिक्षकों के वेतन पर भी रोक संभव
राजकीय और एडेड कॉलेजों में अपार आईडी पंजीकरण में देरी करने वाले शिक्षकों के वेतन पर रोक लगाने की चेतावनी दी गई है।
अभिभावकों के लिए क्या है निर्देश?
छात्र की अपार आईडी बनाने के लिए बच्चे का आधार कार्ड अनिवार्य है, लेकिन अभिभावकों का आधार आवश्यक नहीं है। वे किसी भी वैध आईडी का उपयोग कर सकते हैं।
सीबीएसई ने जारी किया टोल फ्री नंबर
सीबीएसई ने अपने स्कूलों को अपार आईडी बनवाने के निर्देश दिए हैं और समस्या समाधान के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800-889-3511 जारी किया है।
निष्कर्ष
अपार आईडी छात्रों के शैक्षिक भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। सभी स्कूलों और अभिभावकों को इसे जल्द से जल्द पूरा करने पर ध्यान देना चाहिए ताकि छात्रों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।