शिक्षामित्रों के लंबे अवकाश पर सख्ती, रिपोर्ट मांगी गई







शिक्षामित्रों के लंबे अवकाश पर सख्ती, रिपोर्ट मांगी गई

शिक्षामित्रों के लंबे अवकाश के मामले में सख्ती, मांगा जवाब

लखनऊ। लंबे समय से अवैतनिक अवकाश लेकर बच्चों की पढ़ाई प्रभावित कर रहे शिक्षामित्रों के मामले में अब प्रशासन सख्त हो गया है।
समग्र शिक्षा अपर राज्य परियोजना निदेशक एकता सिंह ने मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक से रिपोर्ट मांगी है।
रिपोर्ट में यह जानकारी दी जाएगी कि राजधानी लखनऊ सहित सीतापुर, लखीमपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली के 270 शिक्षामित्र अवकाश पर क्यों हैं। यह मामला
अमर उजाला के 15 जनवरी के अंक में प्रमुख रूप से उठाया गया था।

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💡 शिक्षामित्रों के अवकाश के कारण बच्चों की पढ़ाई पर असर

शिक्षामित्रों के लगातार अवकाश लेने से बच्चों की पढ़ाई पर गंभीर असर पड़ रहा है। राजधानी और अन्य जिलों में इन शिक्षामित्रों की अनुपस्थिति से
लगभग 50 हजार बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। अमर उजाला ने 15 जनवरी को इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था, जिसके बाद प्रशासन ने इस पर
सख्त कदम उठाने की योजना बनाई है।

📊 रिपोर्ट और अवकाश की स्थिति

अपर राज्य परियोजना निदेशक एकता सिंह ने एडी बेसिक श्याम किशोर तिवारी से शिक्षामित्रों के अवकाश के रिकॉर्ड सहित पूरी रिपोर्ट
मांगी है। तिवारी ने सभी बीएसए से शिक्षामित्रों के अवकाश का ब्योरा देने को कहा है। अधिकारियों के अनुसार, अवैतनिक अवकाश का विकल्प नहीं
दिया जा सकता है, क्योंकि इससे बच्चों की पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

⚠️ शिक्षामित्रों की समस्याएं और चुनौतियां

कई शिक्षामित्रों का कहना है कि उन्हें कम मानदेय मिलने के कारण वे अवकाश पर रहते हैं। प्रधानाध्यापकों के मुताबिक, कुछ शिक्षामित्र
अवकाश लेकर दूसरे कार्यों में व्यस्त रहते हैं, जिससे स्कूल की व्यवस्था प्रभावित होती है। इस कारण बच्चों की पढ़ाई में भी रुकावट आती है।

🔍 विभागीय कार्रवाई और भविष्य की योजना

अब प्रशासन ने इस समस्या पर ध्यान दिया है और जल्द ही शिक्षामित्रों के अवकाश पर कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है। यदि कोई शिक्षामित्र बिना
ठोस कारण के अवकाश पर रहता है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। प्रशासन का उद्देश्य बच्चों की पढ़ाई में किसी भी प्रकार की
रुकावट नहीं आने देना है।


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