डिजिटल अरेस्ट पर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन







डिजिटल अरेस्ट पर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन

डिजिटल अरेस्ट के मामलों पर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन

श्रावस्ती, उत्तर प्रदेश। तेजी से बढ़ रहे डिजिटल अरेस्ट के मामलों को देखते हुए लोगों को इस विषय में जागरूक करने के उद्देश्य से
पुलिस लाइन में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में साइबर अपराधों, धोखाधड़ी से बचने के उपायों और डिजिटल अरेस्ट से बचने
के लिए आवश्यक सतर्कता पर चर्चा की गई। इस कार्यशाला का शुभारंभ जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी और पुलिस अधीक्षक घनश्याम चौरसिया ने द्वीप
प्रज्ज्वलित कर किया।

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🔍 कार्यशाला में चर्चा किए गए महत्वपूर्ण विषय

कार्यशाला में विशेषज्ञों ने साइबर अपराधों की पहचान, धोखाधड़ी से बचने के उपाय, सतर्कता और जागरूकता की भूमिका, सुरक्षित प्रमाणीकरण
के महत्व और संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्टिंग की प्रक्रिया पर विस्तार से जानकारी दी। यह कार्यक्रम साइबर सुरक्षा के प्रति लोगों में जागरूकता लाने का एक महत्वपूर्ण कदम
साबित हो रहा है।

🧑‍🏫 प्रमुख वक्ता और उनके विषय

  • सागर विश्नोई (अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ, जर्मनी से लाइव) – डिजिटल अरेस्टिंग तकनीक और इसके उपयोग पर जानकारी दी।
  • शुभम सिंह (साइबर एक्सपर्ट, मुंबई) – ऑनलाइन फ्रॉड की पहचान और बचाव के उपायों पर चर्चा की।
  • अमिय कृष्ण उपाध्याय और प्रणव द्विवेदी (एआई पॉलिसी एक्सपर्ट) – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर सुरक्षा के विषय पर जानकारी दी।

💡 डिजिटल अरेस्ट से बचने के उपाय

कार्यशाला के दौरान जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है धैर्य बनाए रखना।
यदि किसी व्यक्ति के साथ ऐसी समस्या उत्पन्न होती है, तो उन्हें पूरी जांच के बाद ही कदम उठाने की सलाह दी गई। साथ ही उन्होंने कहा कि सभी पुलिसकर्मियों और
अधिकारियों को इस विषय पर जागरूक करना आवश्यक है ताकि साइबर सिक्योरिटी के प्रति समझ बढ़ सके।

⚠️ साइबर सुरक्षा का महत्व

कार्यशाला में विशेषज्ञों ने साइबर क्राइम और साइबर सुरक्षा कैपेसिटी बिल्डिंग पर भी विचार व्यक्त किए। साइबर सुरक्षा आजकल एक बहुत बड़ा मुद्दा बन चुका है,
और इसे लेकर जागरूकता फैलाना आवश्यक हो गया है। विशेषज्ञों ने बताया कि संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्टिंग से बहुत से साइबर अपराधों से बचा जा सकता है।

🎯 कार्यशाला का उद्देश्य और परिणाम

इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य डिजिटल अरेस्ट के मामलों के प्रति जागरूकता फैलाना था, जिससे लोग साइबर अपराधों से बचने और अपनी सुरक्षा के
लिए सतर्क रहें। पुलिस विभाग की यह पहल निश्चित रूप से बहुत फायदेमंद साबित हो रही है और लोगों को इस विषय में महत्वपूर्ण जानकारी मिल रही है।


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