सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बढ़ा, निजी स्कूलों को पछाड़ा
नई दिल्ली। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई और बुनियादी गणित सीखने के स्तर में जबरदस्त सुधार हुआ है।
वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट (ASER) 2024 के अनुसार, सरकारी विद्यालयों ने निजी स्कूलों को भी पीछे छोड़ दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार, तीसरी कक्षा के बच्चों के पढ़ने का स्तर 27.1% तक पहुंच गया है, जो एक सकारात्मक संकेत है।
📚 शिक्षा में सुधार का संकेत
हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, केरल, हरियाणा, ओडिशा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में
तीसरी कक्षा के बच्चों के पढ़ने के स्तर में 10% से अधिक की वृद्धि देखी गई है।
यह सुधार सरकारी स्कूलों में निजी स्कूलों की तुलना में अधिक दर्ज किया गया है।
📖 चौथी कक्षा के बच्चों में भी सुधार
सरकारी स्कूलों में चौथी कक्षा के उन बच्चों की संख्या, जो दूसरी कक्षा के स्तर का पाठ पढ़ सकते हैं,
2018 में 50.5% थी, जो 2022 में घटकर 42.8% रह गई थी। लेकिन 2024 में यह आंकड़ा 48.8% तक बढ़ गया है।
📱 स्मार्टफोन और डिजिटल शिक्षा की ओर रुझान
रिपोर्ट के अनुसार, 14-16 आयु वर्ग के 90% बच्चों के घर में स्मार्टफोन उपलब्ध हैं और उनमें से
80% बच्चे स्मार्टफोन का उपयोग करना जानते हैं।
📌 स्मार्टफोन के उपयोग में लिंग भेदभाव
- 85.5% लड़कों को स्मार्टफोन चलाने की अनुमति है, जबकि केवल 79.4% लड़कियों को इसकी आजादी दी गई है।
- 36.2% लड़कों के पास खुद का स्मार्टफोन है, जबकि 26.9% लड़कियों के पास निजी स्मार्टफोन मौजूद है।
🎓 डिजिटल शिक्षा में बढ़ती दिलचस्पी
ASER 2024 की रिपोर्ट बताती है कि 82.2% बच्चे स्मार्टफोन का इस्तेमाल शैक्षिक गतिविधियों के लिए कर रहे हैं।
इससे यह स्पष्ट होता है कि डिजिटल शिक्षा अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपनी पकड़ बना रही है।
📝 6.5 लाख बच्चों पर किया गया सर्वेक्षण
ASER 2024 रिपोर्ट भारत के 605 ग्रामीण जिलों में किए गए सर्वेक्षण पर आधारित है। इसमें
17,997 गांवों के 6,49,491 बच्चों को शामिल किया गया। इस रिपोर्ट ने सरकारी विद्यालयों में
शिक्षा के स्तर में सुधार को स्पष्ट रूप से उजागर किया है।
🔍 निष्कर्ष
ASER 2024 रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर में निरंतर सुधार हो रहा है।
बच्चों में स्मार्टफोन और डिजिटल शिक्षा की बढ़ती रुचि को देखते हुए सरकार को इसे और अधिक बढ़ावा देने
की दिशा में काम करना चाहिए। इस बदलाव से न केवल सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधरेगी,
बल्कि डिजिटल इंडिया अभियान को भी मजबूती मिलेगी।