यूपी बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षा: 5% विद्यालयों का होगा ऑडिट









यूपी बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षा: 5% विद्यालयों का होगा ऑडिट

यूपी बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षा: 5% विद्यालयों का होगा ऑडिट

प्रयागराज। माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने 2025 की इंटरमीडिएट प्रयोगात्मक परीक्षाओं की प्रक्रिया को सख्त कर दिया है। इस बार रैंडम आधार पर 5% विद्यालयों का ऑडिट किया जाएगा, ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता पर सख्त कार्रवाई की जा सके।

ऑडिट और संसाधनों की जिम्मेदारी

यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों (डीआईओएस) को निर्देश जारी किए हैं। यदि किसी राजकीय विद्यालय में प्रयोगशाला, आवश्यक उपकरण या अन्य संसाधनों की कमी पाई जाती है, तो डीआईओएस जिम्मेदार होंगे।

अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में संसाधनों की कमी होने पर प्रधानाचार्य और प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई होगी, जबकि वित्तविहीन विद्यालयों की मान्यता रद्द की जा सकती है।

WhatsApp Channel Join Now
WhatsApp Group Join Now
Telegram Channel Join Now

प्रयोगात्मक परीक्षा की तिथियां

यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट प्रयोगात्मक परीक्षाएं दो चरणों में होंगी:

  • पहला चरण: 1 फरवरी से 8 फरवरी 2025
  • दूसरा चरण: 9 फरवरी से 16 फरवरी 2025

परीक्षकों को फोटो अपलोड करनी होगी

प्रयोगात्मक परीक्षाओं में वाह्य परीक्षकों को मोबाइल ऐप के माध्यम से जिओ-लोकेशन युक्त फोटो अपलोड करनी होगी। इसके अलावा, परीक्षा के दिन ही परिणाम पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा।

नियमों का उल्लंघन करने पर होगी कड़ी कार्रवाई

अगर किसी भी व्यक्ति ने परीक्षक पर अनुचित दबाव डाला या प्रलोभन दिया तो उस पर उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम, 2024 के तहत कार्रवाई होगी।

सजा:

  • न्यूनतम 3 वर्ष की कैद (10 वर्ष तक बढ़ाई जा सकती है)।
  • न्यूनतम 3 लाख रुपये जुर्माना (10 लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है)।

स्ट्रॉन्ग रूम की सख्त निगरानी

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 24 फरवरी 2025 से शुरू होंगी। प्रश्न पत्र फरवरी के पहले सप्ताह में जिलों में भेजे जाएंगे।

स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा:

  • परीक्षा शुरू होने से 1 घंटे पहले स्ट्रॉन्ग रूम खोला जाएगा।
  • प्रश्न पत्र निकालते समय स्टेटिक मजिस्ट्रेट, केंद्र व्यवस्थापक और बाहरी केंद्र व्यवस्थापक मौजूद रहेंगे।
  • डीएम खुद निगरानी रखेंगे।
  • स्ट्रॉन्ग रूम में मोबाइल पूरी तरह वर्जित रहेगा।

सीसीटीवी निगरानी अनिवार्य

प्रयोगात्मक परीक्षाएं वॉयस रिकॉर्डर युक्त सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में ही कराई जाएंगी। विद्यालयों के प्रधानाचार्य को रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं।

निष्कर्ष: यूपी बोर्ड ने इस बार परीक्षाओं को पारदर्शी और अनुशासित बनाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। प्रयोगात्मक परीक्षाओं में अनियमितताओं को रोकने के लिए ऑडिट, फोटो अपलोडिंग, सीसीटीवी निगरानी और कानूनी कार्रवाई जैसे नियम लागू किए गए हैं।


Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top