तिकुनिया तिराहे से अवध चौराहे तक फ्लाईओवर बनाने की तैयारी
लखनऊ: लखनऊ के पारा क्षेत्र में तिकुनिया तिराहे से अवध चौराहे तक फ्लाईओवर बनाने की तैयारी की जा रही है, जिससे आगरा एक्सप्रेसवे से लखनऊ की ओर आने वाले वाहनों को अधिक सुविधा मिलेगी। इस परियोजना की शुरुआत के संबंध में डीएम विशाख जी अय्यर ने सोमवार को स्थल का निरीक्षण किया और अधिकारियों को जल्द प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।
फ्लाईओवर का महत्व
तिकुनिया तिराहे से अवध चौराहे तक फ्लाईओवर का निर्माण लखनऊ में यातायात सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा। वर्तमान में, आगरा एक्सप्रेसवे से आ रहे वाहन को पहले लेफ्ट टर्न लेकर यूटर्न करना पड़ता है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। इस फ्लाईओवर से इस समस्या का समाधान होगा और यातायात सुगम बनेगा।
डीएम ने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को सुरक्षा के लिए कई निर्देश दिए। फ्लाईओवर का प्रस्ताव जल्द तैयार कर शासन को भेजने का आदेश दिया गया है, ताकि निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ हो सके।
डीएम के निर्देश
निर्वाचन के दौरान, डीएम ने देखा कि तिकुनिया तिराहे से पहले आने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल उपाय किए जाने चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को गो स्लो के साइन बोर्ड, डिवाइडर पर रिफ्लेक्टर और ब्लिंकर लगाने के निर्देश दिए। इसके अलावा, रोड डायरेक्शन के बड़े बोर्ड भी लगाने की आवश्यकता बताई गई।
राजाजीपुरम से पारा पुल का निरीक्षण
इसके अतिरिक्त, डीएम ने राजाजीपुरम से पारा के बीच बन रहे पुल का भी निरीक्षण किया। अफसरों ने बताया कि पुल के निर्माण का 22% कार्य पूरा हो चुका है, और इसमें 17 पिलर सेतु निगम के और 8 पिलर रेलवे के हैं। रेलवे के पिलर्स के निर्माण के लिए अनुमति प्राप्त की जा रही है।
डीएम ने पारा साइड में यूटिलिटी शिफ्टिंग के कार्य को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया है और 3 फरवरी तक भूमि का हैंडओवर नगर निगम को करने की बात कही है।
अंडरपास और अन्य निर्माण कार्य
अवध चौराहे पर निर्माणाधीन अंडरपास का कार्य भी जारी है। डीएम ने निरीक्षण के दौरान ट्रैफिक मार्शलों की ड्यूटी सुनिश्चित करने का आदेश दिया ताकि आवागमन में कोई दिक्कत न हो। उन्होंने यह भी कहा कि जब एक साइड का काम पूरा हो जाए, तो सड़क का रेस्टोरेशन करने के बाद ही दूसरी साइड का काम शुरू किया जाए।
अफसरों के अनुसार, अंडरपास के लिए कुल 1088 पिलर का निर्माण होना है और 224 पिलर के लिए पाइलिंग का काम पहले ही पूरा हो चुका है। इस कार्य को मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।