बजट 2025: मध्यवर्ग को आयकर में राहत दे सकती है केंद्र सरकार
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। आगामी केंद्रीय बजट 2025-26 से आम आदमी और नौकरीपेशा लोगों को काफी उम्मीदें हैं। संकेत मिल रहे हैं कि इस बार सरकार मध्यवर्ग को केंद्र में रखकर बजट तैयार कर रही है। इसमें करों का बोझ कम करने और नई कर व्यवस्था को अधिक आकर्षक बनाने की योजना है।
क्या हो सकते हैं बदलाव?
सूत्रों के अनुसार, सरकार 20 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले लोगों के लिए करों में राहत देने पर विचार कर रही है। खासकर 10-15 लाख रुपये सालाना आय वाले करदाताओं को अधिक लाभ मिल सकता है। मौजूदा समय में, नई कर व्यवस्था के तहत विभिन्न स्लैब पर 5% से 30% तक आयकर लिया जाता है।
मौजूदा आयकर स्लैब
- 3-7 लाख रुपये की सालाना आय पर 5% आयकर
- 7-10 लाख रुपये की सालाना आय पर 10% आयकर
- 10-12 लाख रुपये की सालाना आय पर 15% आयकर
- 12-15 लाख रुपये की सालाना आय पर 20% आयकर
- 15 लाख रुपये से अधिक सालाना आय पर 30% आयकर
मध्यवर्ग को राहत क्यों जरूरी?
महंगाई के बढ़ते स्तर ने लोगों की बचत को कम कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि लोगों के हाथों में अधिक धनराशि होगी, तो इससे बाजार में मांग बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। इसलिए कर स्लैब में छूट देना समय की मांग है।
संभावित राहत के क्षेत्र
- न्यू टैक्स रिजीम में 20 लाख रुपये तक की आय के स्लैब में बदलाव हो सकता है।
- 5% के कर स्लैब में 8 या 9 लाख रुपये तक की आय को शामिल किया जा सकता है।
- स्टैंडर्ड डिडक्शन को 75,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये किया जा सकता है।
- पुरानी कर व्यवस्था के तहत 80C में डेढ़ लाख रुपये की निवेश सीमा को बढ़ाया जा सकता है।
- आयकर रिटर्न भरने की प्रक्रिया को सरल किया जा सकता है।
बजट से उम्मीदें
मध्यवर्गीय परिवारों को आर्थिक राहत प्रदान करने के लिए सरकार इस बजट में कर प्रणाली को और अधिक सहज बनाने पर ध्यान दे सकती है। इसके साथ ही, बचत बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कर छूट का दायरा बढ़ाने पर जोर दिया जा सकता है।