गुजरात में बन रहा दुनिया का सबसे बड़ा डाटा सेंटर
नई दिल्ली: मुकेश अंबानी की अगुवाई वाला रिलायंस समूह भारत में दुनिया का सबसे बड़ा डाटा सेंटर बना रहा है। यह डाटा सेंटर गुजरात के जामनगर में स्थापित किया जा रहा है, जिसकी कुल क्षमता तीन गीगावाट होने की उम्मीद है।
एआई सेमीकंडक्टर की खरीदारी
रिलायंस समूह एनवीडिया के शक्तिशाली एआई सेमीकंडक्टर भी खरीद रहा है। अक्तूबर 2024 में रिलायंस और एनवीडिया के बीच साझेदारी की घोषणा हुई थी, जिसके तहत ब्लैकवेल एआई प्रोसेसर का उपयोग किया जाएगा। यह प्रोसेसर एक गीगावाट डाटा सेंटर को शक्ति प्रदान करेगा।
परियोजना की लागत और निवेश
विशेषज्ञों के अनुसार, इस डाटा सेंटर परियोजना की लागत 20-30 अरब डॉलर तक हो सकती है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि मुकेश अंबानी इस परियोजना के लिए वित्तीय प्रबंध कैसे करेंगे। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के बैलेंस शीट पर लगभग 26 अरब डॉलर की संपत्ति उपलब्ध है।
दुनियाभर में एआई की दौड़
वर्तमान में कई बड़ी कंपनियां एआई इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश कर रही हैं। ओपनएआई, सॉफ्टबैंक ग्रुप और ओरेकल जैसी कंपनियों ने 100 से 500 अरब डॉलर तक निवेश करने की योजना बनाई है।
डाटा सेंटर उद्योग की मौजूदा स्थिति
- दुनियाभर में 7500+ डाटा सेंटर कार्यरत हैं।
- इनकी कुल ऊर्जा खपत 508 टेरावॉट प्रति घंटे प्रति वर्ष है।
- 2030 तक डाटा सेंटर की मांग तीन गुना तक बढ़ने का अनुमान है।
- दुनिया की डाटा सेंटर क्षमता 219 गीगावाट तक पहुंच सकती है।
माइक्रोसॉफ्ट का सबसे बड़ा डाटा सेंटर
वर्तमान में माइक्रोसॉफ्ट के पास अमेरिका के वर्जीनिया में सबसे बड़ा डाटा सेंटर है, जिसकी क्षमता 600 मेगावाट है, और इसमें 122 मेगावाट निर्माणाधीन है।
भारत: डाटा सेंटर के लिए उभरता बाजार
एसएंडपी ग्लोबल के अनुसार, भारत अगले कुछ वर्षों में डाटा सेंटर के लिए एक प्रमुख बाजार बन सकता है। अनुमान के अनुसार, अगले पांच वर्षों में इस क्षेत्र में 100 अरब डॉलर से अधिक का निवेश होने की संभावना है।
डाटा सेंटर कैसे काम करता है?
डाटा सेंटर एक ऐसी सुविधा होती है, जहां डिजिटल डेटा को सुरक्षित रूप से संग्रहीत किया जाता है। इसमें:
- कंप्यूटर सर्वर
- नेटवर्किंग उपकरण
- डाटा स्टोरेज ड्राइव
शामिल होते हैं, जो डेटा की प्रोसेसिंग और सुरक्षा में मदद करते हैं।