पुराने-नए नियोक्ता के जरिए आवेदन करने का नियम खत्म
नई दिल्ली: एजेंसी
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने सदस्यों के लिए पीएफ खाता ट्रांसफर की प्रक्रिया को सरल बना दिया है। अब नौकरी बदलने पर पुराने या नए नियोक्ता के जरिए आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी। यह नया नियम 15 जनवरी को जारी किए गए सर्कुलर के बाद लागू हुआ है।
पीएफ खाता ट्रांसफर की नई प्रक्रिया
ईपीएफओ ने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) से जुड़े पीएफ खातों को ट्रांसफर करने की प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑटोमैटिक बना दिया है। अब अंशधारक अपने पीएफ खाते को स्वयं ट्रांसफर कर सकते हैं, बिना किसी नियोक्ता की भागीदारी के।
इस नई प्रक्रिया से नौकरी बदलने वाले कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी।
इन मामलों में मिलेगी राहत
ईपीएफओ के नए नियम निम्नलिखित मामलों में लाभकारी होंगे:
- एक ही यूएएन में ट्रांसफर: यदि आपका यूएएन (01 अक्टूबर 2017 के बाद जारी) एक ही आधार से जुड़ा है और इसमें कई सदस्य आईडी लिंक हैं, तो ट्रांसफर आसानी से हो जाएगा।
- विभिन्न यूएएन के बीच ट्रांसफर: यदि आपके पास एक ही आधार से जुड़े कई यूएएन हैं, तो सिस्टम उन्हें एक ही व्यक्ति के रूप में पहचान कर ट्रांसफर की अनुमति देता है।
- पुराने यूएएन के भीतर ट्रांसफर: 01 अक्टूबर 2017 से पहले जारी यूएएन के लिए, ट्रांसफर तभी संभव होगा जब यूएएन आधार से जुड़ा हो और व्यक्तिगत जानकारी मेल खाती हो।
ऑटोमैटिक प्रक्रिया की विशेषताएं
पुराने और नए यूएएन को जोड़ने और ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑटोमैटिक हो गई है। इसके लिए:
- नियोक्ता के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होगी।
- सिस्टम स्वयं सदस्य की जानकारी की जांच करेगा, जैसे नाम, जन्म तिथि, और आधार विवरण।
- सभी ट्रांसफर प्रक्रियाएं ऑनलाइन होंगी।
कर्मचारियों के लिए फायदे
इस नई प्रणाली से कर्मचारियों को निम्नलिखित लाभ होंगे:
- नौकरी बदलने पर तेजी से पीएफ ट्रांसफर।
- नियोक्ता के हस्तक्षेप के बिना प्रक्रिया।
- ऑनलाइन ट्रांसफर से समय और ऊर्जा की बचत।
नए नियम का उद्देश्य
ईपीएफओ का यह कदम कर्मचारियों के लिए सुविधाजनक और पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करने की दिशा में है। यह प्रक्रिया अब डिजिटल हो गई है, जिससे हर सदस्य को समय पर सेवा मिल सकेगी।