बजट 2025: नई कर प्रणाली होगी आकर्षक, टैक्स स्लैब और छूट का दायरा बढ़ेगा
लेखक: सरकारी कलम| नई दिल्ली
नई कर प्रणाली को आकर्षक बनाने की योजना
आगामी आम बजट 2025 में सरकार करदाताओं के लिए नई कर प्रणाली को और आकर्षक बनाने की योजना बना रही है।
इसके तहत नए टैक्स स्लैब जोड़े जाने, कर मुक्त आय की सीमा बढ़ाने और मानक कटौती की सीमा
75,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने पर विचार किया जा रहा है।
इसके साथ ही पुरानी कर प्रणाली को आगामी वित्तीय वर्ष या एक साल बाद समाप्त करने की योजना पर चर्चा हो रही है।
पुरानी कर प्रणाली खत्म करने की दिशा में कदम
सरकार ने वर्ष 2020 के आम बजट में नई कर प्रणाली की शुरुआत करते हुए पुरानी प्रणाली को समाप्त करने का संकेत दिया था।
नई प्रणाली के माध्यम से कर प्रक्रिया को सरल बनाना और करदाताओं को अधिक सुविधा प्रदान करना मुख्य उद्देश्य था।
सूत्रों के अनुसार, अगर इस बजट में इस संबंध में घोषणा नहीं हुई, तो अगले साल के बजट में इसे लागू किया जा सकता है।
आम बजट 2025 से करदाताओं को क्या उम्मीद?
सरकार का ध्यान इस बार नई कर प्रणाली पर केंद्रित है। संभावित सुधारों में शामिल हैं:
- कर मुक्त आय की सीमा में वृद्धि
- 20% टैक्स स्लैब का दायरा 12-15 लाख रुपये से बढ़ाकर 12-20 लाख रुपये
- मानक कटौती की सीमा 75,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये
बीते बजट में 5% टैक्स स्लैब का दायरा 3 लाख से 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख से 7 लाख रुपये किया गया था,
जबकि मानक कटौती को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये किया गया था।
वेतन आयोग और कर राहत का संकेत
सरकार ने हाल ही में 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की है, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों के
वेतन में 30-40% की वृद्धि का अनुमान है। ऐसे में कर राहत के बिना यह लाभ अधूरा रहेगा।
इसके अलावा, मध्य और निम्न मध्य वर्ग को राहत देने के लिए सरकार की योजना इस बजट में विशेष प्रावधान करने की है।
वित्तीय घाटा कम करने पर ध्यान
बजट 2025 में वित्तीय घाटा कम करने की दिशा में भी कदम उठाए जाएंगे। वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए घाटे का
लक्ष्य 4.9% तय किया गया था, जिसे इस बजट में 4.5% तक नियंत्रित रखने का लक्ष्य
निर्धारित किया जा सकता है।
मुख्य बिंदु
- नई कर प्रणाली को और आकर्षक बनाने की तैयारी।
- पुरानी कर प्रणाली को समाप्त करने की योजना।
- मानक कटौती की सीमा बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने पर विचार।
- 20% टैक्स स्लैब का दायरा 12-20 लाख रुपये किया जाएगा।
- वेतन आयोग के गठन से वेतन वृद्धि की उम्मीद।