यूपी बोर्ड परीक्षा 2024: दिशा-निर्देश, प्रश्नपत्र वितरण और नकल विरोधी प्रावधान
प्रश्नपत्र वितरण का कार्यक्रम
उत्तर प्रदेश बोर्ड की हाई स्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 24 फरवरी 2024 से शुरू हो रही है।
सभी जिलों में प्रश्नपत्र 12 फरवरी 2024 से भेजे जाएंगे और 16 फरवरी 2024
तक वितरण पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि, अपरिहार्य कारणों से इसमें एक-दो दिन की देरी हो सकती है।
डीआईओएस के लिए सख्त निर्देश
माध्यमिक शिक्षा निदेशक और यूपी बोर्ड के सभापति डॉ. महेंद्र देव ने निर्देश जारी किए हैं कि
जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) परीक्षा अवधि के दौरान अपने जिले में ही रहें,
चाहे अवकाश ही क्यों न हो। परीक्षा जैसे संवेदनशील कार्य को ध्यान में रखते हुए, उनकी उपस्थिति अनिवार्य है।
प्रत्येक जिले में प्रश्नपत्रों के आगमन से तीन दिन पहले कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए।
जिला मुख्यालय या डीआईओएस कार्यालय में हमेशा एक राजपत्रित अधिकारी मौजूद रहे। विशेष परिस्थितियों
में ही अवकाश स्वीकृत होगा और वह भी वैकल्पिक व्यवस्था के साथ।
प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के विशेष उपाय
प्रश्नपत्रों की गोपनीयता बनाए रखने के लिए, डीआईओएस को निर्देश दिया गया है कि सशस्त्र पुलिस बल
की सहायता से प्रश्नपत्रों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया जाए। प्राप्ति के बाद इन्हें पुलिस की अभिरक्षा में
सुरक्षित स्थान पर रखा जाएगा।
परीक्षा केंद्रों और जिला मुख्यालय पर स्ट्रांग रूम स्थापित किया जाएगा, जिसमें 24/7
सीसीटीवी निगरानी की व्यवस्था होगी। रिकॉर्डिंग कम से कम छह महीने तक सुरक्षित रखी जाएगी। साथ ही,
पेपर लीक की संभावना को समाप्त करने के लिए निगरानी टीमों की तैनाती की जाएगी।
नकल विरोधी प्रावधान
यूपी बोर्ड ने परीक्षा के दौरान नकल रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। अगर कोई छात्र या छात्रा नकल करते
पकड़ा जाता है, तो उसकी उत्तर पुस्तिका जांची नहीं जाएगी। नकल करवाने वालों पर
1 करोड़ रुपये का जुर्माना या जेल की सजा लागू होगी।
सचिव भगवती सिंह ने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम,
2024 के तहत परीक्षार्थियों पर आर्थिक दंड या जेल की सजा नहीं लागू होगी। ये प्रावधान केवल नकल करवाने
वालों पर लागू होंगे।
मुख्य बिंदु
- प्रश्नपत्र 12 से 16 फरवरी 2024 के बीच सभी जिलों में भेजे जाएंगे।
- डीआईओएस परीक्षा अवधि के दौरान अपने जिले में मौजूद रहेंगे।
- स्ट्रांग रूम में 24/7 सीसीटीवी निगरानी होगी।
- नकल करते पकड़े गए छात्रों की उत्तर पुस्तिका नहीं जांची जाएगी।
- नकल करवाने वालों पर 1 करोड़ रुपये तक जुर्माना या जेल की सजा लागू होगी।