आठवां वेतन आयोग: सिफारिशें, प्रभाव और ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
केंद्र सरकार ने 16 जनवरी 2025 को आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी है, जिसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी। इससे 45 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों, कुल मिलाकर 1.15 करोड़ लोगों को लाभ होगा।
आठवें वेतन आयोग की प्रमुख सिफारिशें
- न्यूनतम वेतन में वृद्धि: न्यूनतम वेतन ₹18,000 से बढ़ाकर ₹46,000 किया जाएगा, जो 38% की वृद्धि दर्शाता है। :
- पेंशन में वृद्धि: पेंशन में 34% तक की वृद्धि की जाएगी, जिससे पेंशनभोगियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। :
- फिटमेंट फैक्टर: फिटमेंट फैक्टर को 2.57 से बढ़ाकर 2.90 किया जाएगा, जिससे सभी स्तरों पर वेतन में समग्र वृद्धि होगी।
- ग्रेच्युटी की सीमा: ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा ₹30 लाख से बढ़ाकर ₹80 लाख की जाएगी, जिससे सेवानिवृत्ति के बाद की सुरक्षा में वृद्धि होगी। :
आर्थिक प्रभाव
आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन से सरकारी खर्च में वृद्धि होगी, लेकिन इससे अर्थव्यवस्था में ₹2 लाख करोड़ का प्रवाह होगा, जो उपभोग और मांग को बढ़ावा देगा।
पिछले वेतन आयोगों की सिफारिशें
आयोग | अध्यक्ष | न्यूनतम वेतन | वृद्धि | लाभार्थी |
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पहला (1946-1947) | श्रीनिवास वरदाचार्य | ₹55/माह | — | 15 लाख कर्मचारी |
दूसरा (1957-1959) | जगन्नाथ दास | ₹80/माह | — | 25 लाख कर्मचारी |
तीसरा (1970-1973) | — | ₹185/माह | — | 30 लाख कर्मचारी |
चौथा (1983-1986) | पी. एन. सिंघल | ₹750/माह | — | 35 लाख कर्मचारी |
पांचवां (1994-1997) | न्यायमूर्ति एस. रत्नावेल पांडियन | ₹2,550/माह | — | 40 लाख कर्मचारी |
छठा (2006-2008) | — | ₹7,000/माह | 16-22% | 60 लाख कर्मचारी |
सातवां (2016) | — | ₹18,000/माह | 30-40% | 1 करोड़ कर्मचारी |
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निजी क्षेत्र पर प्रभाव
सरकारी कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि से निजी क्षेत्र में भी 5% से 8% तक वेतन वृद्धि की संभावना है, जैसा कि पिछले वेतन आयोगों के बाद देखा गया है। :
प्रधानमंत्री का वक्तव्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “सरकारी कर्मचारी विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, उनके प्रयासों पर हमें गर्व है। कैबिनेट द्वारा वेतन आयोग के निर्णय से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और खपत बढ़ेगी। इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।” :
निष्कर्ष
आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए आर्थिक लाभ प्रदान करेंगी, साथ ही देश की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक प्रभाव डालेंगी।