जब तक बाघ पकड़ से दूर… 60 गांवों के स्कूल-कॉलेज रहेंगे बंद
संवाद न्यूज एजेंसी | लखनऊ
रहमानखेड़ा में बाघ का आतंक
लखनऊ के रहमानखेड़ा इलाके में बाघ के आतंक ने दहशत फैला दी है। सुरक्षा कारणों से प्रभावित
60 गांवों के सभी स्कूल-कॉलेज और कोचिंग संस्थान बंद कर दिए गए हैं।
वन विभाग के अनुरोध पर जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने यह आदेश जारी किया है।
जब तक बाघ को रेस्क्यू नहीं कर लिया जाता, तब तक यह बंदिशें लागू रहेंगी।
रेस्क्यू अभियान तेज
वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए अपनी रणनीति में बदलाव किया है।
बाराबंकी के डीएफओ आकाशदीप बधावन को ऑपरेशन की कमान सौंपी गई है।
इसके अलावा, बहराइच के कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार से एक और विशेषज्ञ डॉक्टर को बुलाया गया है।
हालांकि, गुरुवार को बाघ एक बार फिर टीम के सामने से निकल गया, लेकिन ट्रैंकुलाइज नहीं किया जा सका।
प्रभावित गांवों में स्कूल-कॉलेज बंद
जिलाधिकारी ने आदेश दिया है कि प्रभावित गांवों के छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई कराई जाए।
इन गांवों में रहमानखेड़ा, सहिलामऊ, उलरापुर, मीठेनगर, दुगौली, कटौली, खालिसपुर, अमेठिया सलेमपुर,
बहेलिया, रहमतगंज, मोहम्मद नगर तालुकेदारी, किठाई पारा फतेहनगर, धनेवा और कनार शामिल हैं।
आदेश सभी निजी और सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और कोचिंग संस्थानों पर लागू होगा।
रेस्क्यू टीम के प्रयास
बाघ को पकड़ने के लिए रहमानखेड़ा जंगल में 15 फीट गहरा और 10 फीट लंबा गड्ढा खोदा गया है।
अपर मुख्य वन संरक्षक रेनू सिंह ने बताया कि टीम ने जंगल में ट्रैंकुलाइज मचान भी बनाया है।
गुरुवार को टीम ने सीआईएसएच के बेहता नाला किनारे वाले जंगल में कॉम्बिंग की, लेकिन बाघ को ट्रैंकुलाइज करने में सफलता नहीं मिली।
बाघ की बढ़ती आक्रामकता
अब तक बाघ 14 मवेशियों का शिकार कर चुका है। वन विभाग की टीम में हाथिनी डायना और सुलोचना
को भी शामिल किया गया है, लेकिन बाघ अब भी पकड़ से बाहर है। ऑपरेशन की विफलता को लेकर सवाल उठ रहे हैं,
जिसके चलते नोडल अधिकारी को भी बदल दिया गया है।