अवकाश का ठोस आधार न मिला तो सेवामुक्त किए जाएंगे शिक्षामित्र






अवकाश का ठोस आधार न मिला तो सेवामुक्त किए जाएंगे शिक्षामित्र

अवकाश का ठोस आधार न मिला तो सेवामुक्त किए जाएंगे शिक्षामित्र

संवाद न्यूज एजेंसी | लखनऊ

अवकाश पर शिक्षामित्रों की रिपोर्ट तलब

राजधानी लखनऊ सहित मंडल के सभी छह जिलों में लगातार अवकाश पर रहने वाले शिक्षामित्रों की सूची मांगी गई है।
मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (एडी बेसिक) ने इन शिक्षामित्रों के अवकाश का ठोस आधार भी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
अगर कोई ठोस कारण नहीं मिला, तो संबंधित शिक्षामित्रों को सेवामुक्त किया जा सकता है।

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50 हजार बच्चों की पढ़ाई प्रभावित

अमर उजाला द्वारा बुधवार को प्रकाशित एक खबर के अनुसार, शिक्षामित्रों के लगातार अवकाश पर रहने से लगभग
50 हजार बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। खबर के बाद विभाग हरकत में आया और
बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) से रिपोर्ट मांगी गई। बीएसए ने भी खंड शिक्षा अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।

अवैतनिक अवकाश का कोई नियम नहीं

मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक श्याम किशोर तिवारी ने स्पष्ट किया कि शिक्षामित्रों के लिए अवैतनिक अवकाश का कोई प्रावधान नहीं है।
अगर शिक्षामित्र लगातार अवकाश पर रहते हैं और इसका ठोस कारण नहीं प्रस्तुत करते हैं, तो उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी।

270 शिक्षामित्रों पर सवाल

लखनऊ, सीतापुर, लखीमपुर, हरदोई, उन्नाव और रायबरेली के सरकारी विद्यालयों के
270 शिक्षामित्र लगातार अवकाश पर हैं। जानकारी मिली है कि ये शिक्षामित्र अन्य कार्यों में व्यस्त हैं,
जिससे स्कूलों में पढ़ाई बाधित हो रही है।

मानदेय की समस्या

प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के महामंत्री कौशल कुमार सिंह ने बताया कि शिक्षामित्रों को
10,000 रुपये प्रति माह के हिसाब से 11 महीने का मानदेय दिया जाता है। उन्होंने कहा कि इतने कम मानदेय में
परिवार का गुजारा करना मुश्किल है। इसके अलावा, 31 दिसंबर से 14 जनवरी और
1 जून से 14 जून के अवकाश के दौरान मानदेय भी काट लिया जाता है। अगर मानदेय बढ़ाया जाए,
तो शिक्षामित्र पूरे मन से अपने कार्य में लगेंगे।

निष्कर्ष: शिक्षामित्रों की लगातार अनुपस्थिति के कारण शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है।
विभाग ने इस समस्या पर सख्ती से कार्रवाई का संकेत दिया है। उम्मीद है कि इससे विद्यालयों में पढ़ाई सुचारू होगी।

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