आठवां वेतन आयोग: 2026 से लागू होगा नया वेतनमान
सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए खुशखबरी
केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2026 से लागू होने वाले आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दी है।
इससे 45 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स को सीधा लाभ होगा। वेतन और पेंशन में
क्रमशः 38% और 34% तक की वृद्धि की जाएगी।
आठवें वेतन आयोग की मुख्य विशेषताएं
- न्यूनतम वेतन ₹18,000 से बढ़ाकर ₹46,000 किया जाएगा।
- ग्रेच्युटी की राशि ₹4.89 लाख से बढ़कर ₹12.56 लाख हो जाएगी।
- महंगाई भत्ता 38% तक बढ़ेगा।
- सिफारिशें 2025 के अंत तक प्रस्तुत की जाएंगी।
वेतन पर पड़ने वाला प्रभाव
आठवें वेतन आयोग के लागू होने पर न्यूनतम वेतनमान 2.57 से 2.90 गुना बढ़ जाएगा।
उदाहरण के लिए, वर्तमान में ₹18,000 वेतन पाने वाला व्यक्ति अब ₹46,260 मासिक वेतन प्राप्त करेगा।
ग्रेच्युटी और पेंशन में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिससे सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को वित्तीय सुरक्षा में मदद मिलेगी।
पेंशनर्स के लिए लाभ
रिटायरमेंट के बाद पेंशन की राशि में भी वृद्धि की जाएगी। उदाहरण के लिए, यदि किसी पेंशनर की वर्तमान मासिक पेंशन ₹40,000 है,
तो यह 34% वृद्धि के बाद ₹67,200 हो जाएगी।
आर्थिक प्रभाव और इकोनॉमी पर असर
सरकार के इस फैसले से अर्थव्यवस्था में लगभग ₹2 लाख करोड़ का योगदान होगा।
वेतन वृद्धि से मांग और खपत बढ़ेगी, जिससे वाहन विक्री और होम लोन में भी वृद्धि देखने को मिलेगी।
पिछले वेतन आयोग के कार्यकाल में वाहन विक्री में 14.22% और होम लोन में 11% की वृद्धि हुई थी।
निजी क्षेत्र पर प्रभाव
सरकारी वेतन में वृद्धि से निजी क्षेत्र में भी वेतन में 5% से 8% तक की वृद्धि हो सकती है।
यह प्रतिस्पर्धा को संतुलित करने और निजी कर्मचारियों की जीवन गुणवत्ता को सुधारने में मदद करेगा।
वेतन आयोग का ऐतिहासिक विवरण
साल | न्यूनतम वेतन (₹) | वृद्धि (%) | लाभार्थी (करोड़) |
---|---|---|---|
1947 | 155 | 15% | 25 लाख |
1973 | 780 | 14% | 30 लाख |
1997 | 12,550 | 40% | 60 लाख |
2016 | 18,000 | 16-22% | 1.15 करोड़ |