आठवां वेतन आयोग: एक करोड़ केंद्रीय कर्मियों और पेंशनभोगियों को बड़ा तोहफा
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में ऐतिहासिक फैसला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी है। इस निर्णय से एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा। आयोग की सिफारिशें जनवरी 2026 से लागू होंगी।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी जानकारी
बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि तीन सदस्यीय आयोग का गठन जल्द होगा, जो वेतन और पेंशन को मौजूदा परिस्थितियों के अनुसार समायोजित करेगा।
आठवें वेतन आयोग की संभावित सिफारिशें
- न्यूनतम वेतन वृद्धि: 34,560 रुपये प्रतिमाह।
- सचिव स्तर के अधिकारियों का वेतन: 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 4.8 लाख रुपये प्रतिमाह।
- पेंशन: सेवानिवृत्त कर्मियों की पेंशन में भी समानुपातिक वृद्धि।
पिछले वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर, कर्मचारियों के वेतन में 186% की वृद्धि का अनुमान है।
वेतन आयोग का महत्व
यह आयोग केंद्रीय कर्मियों और पेंशनभोगियों की आर्थिक स्थिति सुधारने और उनकी जीवनशैली को बेहतर बनाने के लिए कार्य करेगा। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस फैसले को देश के विकास में अहम कदम बताया है।
“8वें वेतन आयोग का निर्णय कर्मियों की जीवन गुणवत्ता में सुधार और उपभोग को बढ़ावा देगा।”
— नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
सातवें वेतन आयोग की तुलना
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें जनवरी 2016 से लागू हुई थीं। उस समय न्यूनतम वेतन में 150% की वृद्धि हुई थी, जिसमें वेतन को 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये किया गया था।
मानव अंतरिक्ष अभियान और नया लॉन्च पैड
केंद्रीय कैबिनेट ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में तीसरे लॉन्च पैड के निर्माण को भी मंजूरी दी। यह प्रोजेक्ट 3,985 करोड़ रुपये की लागत से 48 महीनों में पूरा होगा।
यह लॉन्च पैड गगनयान जैसे मानव अंतरिक्ष अभियानों और भारी पेलोड प्रक्षेपणों के लिए उपयोगी होगा।
निष्कर्ष
आठवें वेतन आयोग का गठन न केवल कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि देश के विकास में भी योगदान देगा। इससे जुड़े निर्णय और अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधार, दोनों ही भारत की प्रगति के महत्वपूर्ण कदम हैं।