सम्पत्ति नहीं बताई तो वेतन, प्रमोशन और तबादला रुक जाएगा









सम्पत्ति नहीं बताई तो वेतन, प्रमोशन और तबादला रुक जाएगा

सम्पत्ति नहीं बताई तो वेतन, प्रमोशन और तबादला रुक जाएगा

स्थान: लखनऊ | संवाददाता: प्रमुख रिपोर्ट

बेसिक शिक्षा विभाग का सख्त आदेश

उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी शिक्षकों और विभागीय कर्मचारियों को
अपनी चल-अचल सम्पत्तियों का ब्योरा मानव संपदा पोर्टल पर
31 जनवरी तक दर्ज करने का कड़ा आदेश जारी किया है। विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि
इस अवधि तक ब्योरा दर्ज नहीं किया गया, तो वेतन, प्रमोशन और स्थानांतरण जैसी
सुविधाओं को रोक दिया जाएगा।

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आदेश का पालन न करने पर सख्ती

बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने आदेश जारी करते हुए कहा कि
उत्तर प्रदेश कर्मचारी आचरण नियमावली-1956 के नियम 24 के तहत
संपत्ति का ब्योरा दर्ज करना अनिवार्य है। इस आदेश का पालन न करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ
कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने यह भी बताया कि विभागीय सर्कुलर जारी होने के 27 दिन बाद भी केवल 19% कर्मचारियों
ने ही अपनी संपत्तियों का ब्योरा पोर्टल पर अपलोड किया है। यह स्थिति विभाग की उम्मीदों से काफी कम है।

संपत्ति विवरण न देने पर क्या होगा?

  • नहीं मिलेगा जनवरी का वेतन
  • पदोन्नति और स्थानांतरण पर रोक लगाई जाएगी।
  • विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

मानव संपदा पोर्टल पर ब्योरा कैसे दर्ज करें?

शिक्षकों और कर्मचारियों को अपनी संपत्ति का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर लॉगिन करके दर्ज करना होगा।
इसमें निम्नलिखित जानकारी शामिल करनी होगी:

  • संपत्ति का प्रकार (चल/अचल)
  • स्थान और मूल्य
  • संपत्ति अर्जन का स्रोत

पोर्टल पर विवरण दर्ज करने के लिए 31 जनवरी 2025 की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है।
समय सीमा के बाद विवरण दर्ज न करने पर निर्धारित सख्त कार्रवाई होगी।

विभागीय अधिकारियों की जिम्मेदारी

बेसिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि
उनके अधीनस्थ शिक्षक और कर्मचारी समय पर अपनी संपत्तियों का ब्योरा दर्ज करें।
इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

निष्कर्ष: संपत्ति का ब्योरा दर्ज करना न केवल एक प्रशासनिक आवश्यकता है, बल्कि
यह पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम भी है। सभी कर्मचारियों को
समय पर विवरण दर्ज करने के लिए यह आदेश गंभीरता से लेना चाहिए।

Source: प्रमुख संवाददाता


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