“राज्य आपदा मोचन बल में अनुशासनहीनता या मजबूरी? पढ़ें आरक्षी का अनोखा स्पष्टीकरण!”






राज्य आपदा मोचन बल: अनुशासन और कर्तव्य पर एक प्रकरण

राज्य आपदा मोचन बल: अनुशासन और कर्तव्य पर एक प्रकरण

स्थान: राज्य आपदा मोचन बल, उत्तर प्रदेश, लखनऊ

तारीख: 04 जनवरी 2025 से 07 जनवरी 2025

WhatsApp Channel Join Now
WhatsApp Group Join Now
Telegram Channel Join Now

प्रकरण का विवरण

राज्य आपदा मोचन बल, उत्तर प्रदेश, लखनऊ में आरक्षी आदर्श अग्निहोत्री, बी दल के एक सदस्य को कमाण्ड हाऊस गार्द ड्यूटी पर तैनात किया गया था। ड्यूटी के दौरान यह पाया गया कि कमाण्ड हाऊस के सामने लगे अमरूद के पेड़ से किसी अज्ञात व्यक्ति ने अमरूद तोड़ लिए। आरक्षी ने इस घटना को न तो रोका और न ही इसकी सूचना किसी उच्चाधिकारी को दी।

आरक्षी की स्पष्टीकरण

आरक्षी आदर्श अग्निहोत्री ने अपने लिखित स्पष्टीकरण में बताया कि 05 जनवरी 2025 की रात को पनीर की गुणवत्ता खराब होने के कारण उनके पेट में दर्द शुरू हो गया। उन्होंने इंटरनेट पर उपाय खोजा, जिसमें अमरूद खाने से पेट दर्द ठीक होने की जानकारी मिली।

चूंकि छुट्टी बंद थी और डॉक्टर को दिखाना संभव नहीं था, आरक्षी ने अमरूद तोड़कर खाने का फैसला किया। उन्होंने इस घटना को अपनी पहली गलती बताते हुए महोदय से माफी की गुजारिश की और भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति न होने का आश्वासन दिया।

प्रकरण पर प्रतिक्रिया और आदेश

यह घटना अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा पर गंभीर प्रश्न खड़े करती है। आरक्षी के कृत्य को लापरवाही, अनुशासनहीनता और कर्तव्य के प्रति शिथिलता के रूप में देखा गया। अधिकारियों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए नियमानुसार उचित कार्यवाही करने के संकेत दिए हैं।

हालांकि, आरक्षी ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए माफी मांगी है, जिससे यह प्रतीत होता है कि उन्होंने भविष्य में अपने आचरण को सुधारने का वादा किया है।

निष्कर्ष

यह प्रकरण सरकारी संस्थानों में अनुशासन और जिम्मेदारी के महत्व को रेखांकित करता है। व्यक्तिगत कठिनाइयों के बावजूद, कर्तव्य के प्रति समर्पण और नियमों का पालन करना अनिवार्य है।

इस घटना से सभी कर्मचारियों को यह संदेश मिलता है कि व्यक्तिगत समस्याओं को कर्तव्य पर हावी नहीं होने देना चाहिए।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top